कम्प्यूटर का इतिहास / History of Computer
आधुनिक कम्प्यूटरों को अस्तित्व में आए हुए मुश्किल से 50 वर्ष हुए हैं, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कम्प्यूटर का इतिहास निम्नलिखित सारणी में संक्षेप में बताया गया है
आविष्कार |
आविष्कारक |
विशेषताएँ |
अनुप्रयोग
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अबेकस 1602
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चीन |
• सबसे पहला एवं सरल यन्त्र।
• क्षैतिज (Horizontal) तारों में गोलाकार मोतियों के द्वारा गणना की जाती थी। |
• जोड़ने व घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था। • वर्गमूल निकालने के लिए भी प्रयोग किया जाता था।
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नेपियर्स बोन्स 1617
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जॉन नेपियर (स्कॉटलैण्ड)
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• 10 आयताकार पट्टियों पर 0 से 9 तक के पहाड़े इस प्रकार लिखे होते हैं कि एक पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पट्टी के इकाई के अंकों के पास आ जाते थे। • गणना के लिए प्रयोग में आने वाली प्रौद्योगिकी को राबडोलोगिया (Rabdologia) कहते हैं। |
• गुणा अत्यन्त शीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी। • गणनात्मक परिणाम को ग्राफिकल संरचना द्वारा दर्शाया जाता था।
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पास्कलाइन 1642 |
ब्लेज पास्कल (फ्रांस) |
• यह प्रथम मैकेनिकल एडिंग मशीन है। • यह मशीन ओडोमीटर एवं घड़ी के सिद्धान्त पर कार्य करती थी। |
संख्याओं को जोड़ने और घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था। |
जैकार्ड लूम 1804 |
जोसेफ मैरी जैकार्ड (फ्रांस) |
• यह एक ऐसी बुनाई मशीन थी, जिसमें बुनाई के डिजाइन डालने के लिए छिद्र किए हुए कार्डों का उपयोग किया जाता था। • यह प्रथम मैकेनिकल लूम था। |
• इसका प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था।
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एनालिटिकल इंजन 1837 |
चार्ल्स बैबेज (कम्प्यूटर का जनक) (इंग्लैण्ड) |
• यह प्रथम जनरल पर्पज कम्प्यूटर है। • इस मशीन को आधुनिक कम्प्यूटरों का प्रारूप माना जाता है। यह एक मैकेनिकल मशीन है। |
• इसका प्रयोग सभी गणितीय सक्रियाएँ करने में किया जाता था।
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टैबुलेटिंग मशीन 1890 |
हर्मन होलेरिथ (अमेरिका) |
• इसमें संख्या पढ़ने का कार्य छिद्र किए हुए कार्डों द्वारा किया जाता था। • एक समय में, एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था। |
• इसका प्रयोग 1890 ई. की जनगणना में किया गया था।
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मार्क-1 1937 |
हॉवर्ड एकेन (अमेरिका) |
• यह विश्व का प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यान्त्रिक (Electromechanical) गणना यन्त्र था। • इसमें इण्टरलॉकिंग, पैनल के छोटे गिलास, कॉउण्टर, स्विच और नियन्त्रण सर्किट होते थे। |
• इसका प्रयोग गणनाएँ करने में किया जाता था।
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एनिएक 1946 |
जे पी एकर्ट और जॉन मौचली (अमेरिका)
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• यह बीस एक्युमूलेटर्स का एक संयोजन हैं। • यह पहला डिजिटल कम्प्यूटर था। |
• इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मों, इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था। |
एडसैक 1949 |
मौरिस विल्केस (अमेरिका) |
• यह पहला प्रोग्राम संगृहीत डिजिटल कम्प्यूटर था। |
• यह वर्गों के पहाड़ों की भी गणना कर सकता था। |
यूनिवैक -1 1951 |
जे प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली (अमेरिका) |
• यह सांख्यिकी और शाब्दिक दोनों प्रकार के डेटा को संसाधित करता था। • यह मैग्नेटिक टेप का प्रयोग इनपुट और आउटपुट के लिए करता था। |
• इसका प्रयोग वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए किया जाता था।
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IBM-650 1953 |
IBM कम्पनी |
• यह इनपुट / आउटपुट यूनिट एल्फाबेटीकली तथा स्पेशल कैरेक्टर को दो अंकीय डेसीमल कोड में परिवर्तित करता है। |
• पेयरोल प्रोसेसिंग • मार्किट रिसर्च एनालिसिस
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कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ Generations of Computer
आधुनिक कम्प्यूटरों के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागों में बाँटा जाता है, जिन्हें कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer) कहा जाता है। ये पीढ़ियाँ निम्न हैं
पीढ़ी
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स्विचिंग डिवाइस
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स्टोरेज डिवाइस
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गति
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ऑपरेटिंग सिस्टम
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भाषा
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विशेषताएँ
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उपयोग
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प्रथम (1940-56) |
वैक्यूम ट्यूब
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मैग्नेटिक ड्रम
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मिली सेकण्ड
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बैच ऑपरेटिंग सिस्टम
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मशीनी भाषा (बाइनरी नम्बर O's और 1's)
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● सीमित मुख्य स्टोरेज क्षमता ● मन्द गति से इनपुट-आउटपुट
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● मुख्यतया वैज्ञानिक और सामान्य व्यापार सिस्टम; जैसे-ENIAC, UNIVAC, MARK-1 आदि।
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द्वितीय (1956-63)
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ट्रांजिस्टर (सेमीकण्डक्टर से बने)
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मैग्नेटिक कोर टेक्नोलॉजी
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माइक्रो सेकण्ड
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मल्टीटास्किंग, टाइम शेयरिंग
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असेम्बली भाषा, उच्च स्तरीय भाषा
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● ट्रांजिस्टर का उपयोग आरम्भ ● आकार और ताप में कमी ● तीव्र और विश्वसनीय
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● व्यापक व्यावसायिक प्रयोग ● इंजीनियरिंग डिजाइन ● इनवेन्टरी फाइल का अपडेशन।
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