Computer Fundamental

Computer 

"Computer is an electronic machine that converts data into meaningful information (result)."
Note: A computer is a combination of hardware and software.

कम्प्यूटर

computer ka story , computer ka history , fundamental of computer bhojpury
कम्प्यूटर 
कंप्यूटर –

 ”कंप्यूटर विद्युत से चलने वाला एक ऐसा यंत्र है जो गणनाओ से सम्बंधित कार्य को पुरा करता है
यह user द्वारा इनपुट किये गए डाटा में  प्रक्रिया करके उसे इनफार्मेशन में परिवर्तित करता है और output यंत्रो की सहायता से हमें परिणाम देता है 
कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन होता है

कम्प्यूटर के जनक

Charles Babbage
चार्ल्स बैबेज द्वारा
 निर्मित एनालिटिकल इंजन (1837 )
चार्ल्स बैबेज
चार्ल्स बैबेज ने सबसे पहले सन 1822 में Difference इंजन बनाया था जिसमे बदलाव करके एक त्रुटि रहित यन्त्र का निर्माण किया जिसे एनालिटिकल इंजन कहा जाता है चार्ल्स बैबेज ने सन 1837 में एनालिटिकल इंजन का प्रस्ताव रखा जो लगभग 40 दशमलव संख्या तक बिना त्रुटि किये गुणा कर सकता था चार्ल्स बैबेज के बेटे का नाम हेनरी बैबेज था जो अपने पिता चार्ल्स बैबेज के मृत्यु के बाद भी एनालिटिकल इंजन को नया रूप देने में कार्यरत रहे अंततः सन 1910 में उन्होंने एनालिटिकल इंजन का एक नया मॉडल पेस किया जिसे एनालिटिकल-2 के नाम से भी जाना जाता है यह पहले के अपेक्षा छोटा हो गया तथा सूचनाओं को संग्रहित (लगभग 1,000 अंको को ) करने में सक्षम था 
चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पिता”(फादर ऑफ कम्प्यूटर ) माना जाता है। क्योंकी आधुनिक कम्प्यूटर एनालिटिकल इंजन के कार्य प्रणाली पर ही आधारित है  
beta
हेनरी बैबेज द्वारा प्रदर्शित
एनालिटिकल इंजन  (1910 )
चार्ल्स बैबेज 
जन्म  -  26 दिसम्बर 1791 (लंदन, इंग्लैंड)
मृत्यु   -  18 अक्टूबर 1871 (उम्र 79)(मार्लीबोन, लंदन, इंग्लैंड)
चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए याद किये जाते है।
Full form of computer
कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के 8 अक्षरों से मिल कर बना है जिनका निम्नलिखित अर्थ होता है
  • c – common – सामान्य
  • o – operated  – चलाना
  • M – Machine  – यंत्र
  • P – Particularly – विशेष
  • U – used For –प्रयोग के लिये
  • T – Technical – तकनीकी
  • E – Education – शिक्षा
  • R – Research  – खोज

कम्प्यूटर का उपयोग


कंप्यूटर का उपयोग प्रत्येक स्थानों पर किसी कार्य को त्रुटि रहित और तेजी से करने के लिए किया जाता है जैसे -गणना करना, वित्तीय हिसाब रखना, इंटरनेट बैंकिंग ,ग्राफ़िक डिजाइनिंग,वेब डिजाइनिंग एकाउंटिंग इत्यादि कंप्यूटर के प्रयोग स्थल निम्न है

  • Bank
  • Office
  • School /skul
  • Shop
  • Home
  • Institution

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति

कंप्यूटर शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष 1613 में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट की पुस्तक ‘”द यंग मैन ग्लीनिंग्स”‘ में पाया गया। जिसमे एक वाक्य मैंने समय के सबसे सही कम्प्यूटरों को और धरा पे जन्मे सर्वोत्तम अंक गणितज्ञ को पढ़ा है। ”  यह उस व्यक्ति के बारे में बताता है जो गणनाएँ (computations) करता था, तभी से यह शब्द २०वी शताब्दी के मध्य तक इस सन्दर्भ में प्रयोग होता आ रहा है। 
संगणक  अभिकलित्र नाम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किये गए हैं।
(Abacus)गिनतारा
अबेकस 

(Abacus) एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। गिनतारा तारो में पिरोया हुआ अलग अलग गोटियों का  एक आयतकार यंत्र होता है जिसके प्रत्येक गोटियों का अलग अलग मान रख कर जोड़ घटाना किया जाता था 

नोट - कंप्यूटर के कुछ निम्नलिखितचरण 
  • 1642 ई.: फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल ने जोड़ने व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया।
  • 1801 ई.: फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जैकार्ड ने लूम (करघे) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया। उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की, जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन (weaving operation) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया।
  • 1833-71 ई.: ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज ने जैकार्ड पंच-कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए एनालिटिकल इंजनका निर्माण किया। इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है। बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया।
  • 1941 ई.: जर्मन इंजीनियर Konard Zuse ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिजिटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता था। Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था। यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें रिले कहा जाता था।
  • 1942 ई.: आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफोर्ड बेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था। इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था। यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था।
  • 1944 ई.: आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवॢसटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर मार्क-1’ का निर्माण किया। यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी।
  • 1946 ई.: अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे. प्रेस्पर इकेर्ट ने  ENIAC (Electronic Numerical Integrated and Computer ) का निर्माण किया। इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 वैक्यूम ट्यूब लगे थे। इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग-अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी।
  • 1951 ई.: इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर यूनिवेक’ (UNIVAC) का निर्माण किया (सं.रा. अमेरिका)।
  • 1976 ई.पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम इलेक्ट्रिक पेंसिलका निर्माण।
  • 1977 ई.: एप्पल ने एप्पल-II’ को बाजार में उतारा, जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो गया।
  • 1990 ई.: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वजऱ्न विंडोज़ 3.0’ बाजार में उतारा।
  • 1996 ई.: हाथ में पकड़ने योग्य कम्प्यूटर पाम पाइलटको बाजार में उतारा गया।
  • 2002 ई.: कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गार्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वर्तमान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब पहुँची।  तथा वर्तमान समय के कंप्यूटर लगभग मनुष्य के  सामान  होंगे Robot इसका मुख्य उदहारण है 
Computer’s Devices (कंप्यूटर के उपकरण)
एक कम्प्यूटर का निर्माण चार अलग अलग यंत्रो को जोड़ कर किया जाता है ये यंत्र कंप्यूटर को कार्य करने में सहायता प्रदान करते है computer device चार प्रकार के होते है
  • Input device
  • Processing device
  • Output device
  • Data storage device
1.- Input Device

कंप्यूटर के वे यन्त्र जो प्रयोगकर्ता के सूचनाओ को कंप्यूटर तक भेजता है Input Device कहलाते है.

इनपुट डिवाइस के उदाहरण और उनका उपयोग:

  • Mouse (माउस): कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है।
  • Keyboard (कीबोर्ड): डेटा एंटर करने और कमांड्स देने के लिए उपयोग होता है।
  • Light Pen (लाइट पेन): स्क्रीन पर ड्रॉ करने और चयन करने के लिए उपयोग होता है।
  • MICR (Magnetic Ink Character Recognition): चेक्स और दस्तावेजों में माइक्रो इंक के माध्यम से वर्ण पहचानने के लिए उपयोग होता है।
  • OCR (Optical Character Reader): मुद्रित टेक्स्ट को स्कैन कर उसे डिजिटल डेटा में बदलने के लिए उपयोग होता है।
  • OMR (Optical Mark Reader): परीक्षा या सर्वे के फार्मों में अंकों को पढ़ने के लिए उपयोग होता है।
  • QR-Code Reader (क्यूआर कोड रीडर): क्यूआर कोड को स्कैन करके जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयोग होता है।
  • SCR (Smart Card Reader): स्मार्ट कार्ड से डेटा पढ़ने के लिए उपयोग होता है।

नोट: माउस और कीबोर्ड कंप्यूटर के मुख्य इनपुट डिवाइस होते हैं।

Light pen



MICR ( Mainly used in bank for check clearance) (Input Device)


2.- Processing device

"कंप्यूटर के वे यंत्र जो इनपुट किए गए सूचनाओं (डाटा) को प्रोसेस (गणना) करके उसे परिणाम (information) में बदलते हैं, उन्हें प्रोसेसिंग डिवाइस कहा जाता है।"

प्रोसेसिंग डिवाइस के उदाहरण

CPU (Central Processing Unit):

  • यह कंप्यूटर का मुख्य प्रोसेसिंग डिवाइस है, जिसे कंप्यूटर का "मस्तिष्क" कहा जाता है।
  • CPU इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है और गणनाएँ करता है, जैसे जोड़, घटाना, गुणा आदि।

ALU (Arithmetic Logic Unit):

  • यह CPU का हिस्सा है और गणनाएँ (जैसे जोड़, घटाव) और तार्किक कार्य (जैसे AND, OR) करता है।

Control Unit (CU):

  • यह CPU का दूसरा हिस्सा है जो निर्देशों को नियंत्रित करता है और प्रोसेसिंग के दौरान सभी कार्यों का संचालन करता है।

GPU (Graphics Processing Unit):

  • यह विशेष रूप से ग्राफिक्स और वीडियो प्रोसेसिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
  • GPU गेम्स, 3D ग्राफिक्स और वीडियो को प्रोसेस करता है।

Microprocessor:

यह एक छोटे आकार का प्रोसेसिंग डिवाइस है जो CPU की अधिकांश कार्यक्षमताओं को एक ही चिप पर समाहित करता है।

यह व्यक्तिगत कंप्यूटरों और स्मार्टफोन जैसे उपकरणों में पाया जाता है।

3.- Output Device

"कंप्यूटर के वे डिवाइस जो इनपुट और प्रोसेस किए गए सूचनाओं (डाटा) को प्रदर्शित करते हैं, उन्हें आउटपुट डिवाइस कहा जाता है।"

आउटपुट डिवाइस के उदाहरण:

1.Monitor (मॉनिटर)

यह कंप्यूटर का मुख्य आउटपुट डिवाइस है, जो स्क्रीन पर ग्राफिक्स, टेक्स्ट और अन्य जानकारी प्रदर्शित करता है।

2.Printer (प्रिंटर)

यह कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किए गए डाटा को कागज पर प्रिंट करने के लिए उपयोग होता है, जैसे दस्तावेज़, चित्र, रिपोर्ट आदि।

3.Plotter (प्लॉटर)

यह विशेष रूप से बड़े आकार के ग्राफिक्स, चार्ट और डिजाइन को कागज पर प्रिंट करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह सटीकता और उच्च गुणवत्ता के लिए उपयुक्त है।

4.Speaker (स्पीकर)

यह ऑडियो आउटपुट देने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे म्यूजिक, साउंड इफेक्ट्स या वॉयस।

 

4.- Data storage device

"कंप्यूटर के वे डिवाइस जो सूचनाओं को संग्रहित करके सुरक्षित रखते हैं, उन्हें डेटा स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है।"

मुख्य स्टोरेज डिवाइस:

Hard Disk (हार्ड डिस्क)

  • यह कंप्यूटर का मुख्य स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिए किया जाता है। हार्ड डिस्क डेटा को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है

SSD (Solid State Drive)

  • यह एक आधुनिक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहित करता है। यह HDD से तेज़ होता है और इसमें कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते हैं, जिससे यह अधिक विश्वसनीय और तेज़ होता है।

HDD (Hard Disk Drive)

  • यह पारंपरिक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है, जिसमें मेग्नेटिक डाटा रिकॉर्डिंग तकनीक का उपयोग होता है। इसमें डाटा संग्रहण के लिए डिस्क प्लेट्स का उपयोग किया जाता है।

DVD (Digital Versatile Disc)

  • यह एक ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस है, जिसे डेटा को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे वीडियो, ऑडियो, और सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम। यह आमतौर पर 4.7GB तक डेटा संग्रहण कर सकता है।

CD (Compact Disc)

  • यह भी एक ऑप्टिकल डिस्क है जो डेटा स्टोरेज के लिए उपयोग होती है। यह आमतौर पर 700MB तक डेटा स्टोर कर सकती है। इसे ऑडियो, सॉफ़्टवेयर और अन्य डेटा स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया जाता है

Pen Drive (पेन ड्राइव)

  • यह एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है, जो USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से कनेक्ट होता है। इसे डेटा ट्रांसफर और संग्रहण के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकता है।

Memory Stick (मेमोरी स्टिक)

  • यह एक छोटे आकार का स्टोरेज डिवाइस है, जो मुख्य रूप से कैमरा, स्मार्टफोन और अन्य पोर्टेबल उपकरणों में उपयोग होता है।

कम्प्यूटर मेमोरी के प्रकार
कम्प्यूटर में मेमोरी का कार्य सूचनाओ को एकगृत करना होता है computer memory को दो भागों में विभाजित किया गया है
  • Primary / Internal Memory (प्राथमिक / आंतरिक मेमोरी)
  • Secondary / External Memory (द्वितीयक / बाह्य मेमोरी)

1. Primary / Internal Memory (प्राथमिक / आंतरिक मेमोरी):
प्राथमिक मेमोरी को कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी कहा जाता है। यह मदरबोर्ड में स्थित होती है, इसलिए इसे आंतरिक मेमोरी भी कहा जाता है। प्राथमिक मेमोरी तीन प्रकार की होती है:

  • RAM (Random Access Memory):
  • ROM (Read-Only Memory):

  • Cache Memory:

i.- Ram (Random Access Memory)


RAM  या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temprery Memory) होती हैंकी-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है

कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (Store) डाटा मिट जाता हैंइसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है Ram को दो भागो में बांटा गया है
1- Dynamic RAM
2- Static RAM
ii.-Rom ( Read Only Memory)
रीड ओनली मेमोरी में रखीं गयी सूचना को केवल पढ़ा जा सकता है।   इस मेमोरी में न तो कुछ लिखा जा सकता है न ही लिखी गई सूचना को बदला जा सकता है।  यह स्थाई मेमोरी होती है। कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें स्टोर डाटा नष्ट नहीं होता है।  इस मेमोरी में कंप्यूटर निर्माण के समय ही सूचनाएं संगृहीत कर दी जाती है।      

कंप्यूटर को ऑन करते ही ROM में स्टोर प्रोग्राम स्वतः ही क्रियान्वित हो जाते है।  ये प्रोग्राम कंप्यूटर के सभी उपकरणों की जांच कर उन्हें सक्रिय अवस्था में लाते है। रोम में स्टोर प्रोग्राम को BIOS(Basic Input Output System ) कहा जाता है।
  • PROM (Programmable Read Only Memory)
  • EPROM( Erasable Programmable Read Only Memory)
  • EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)
iii. Cache Memory 

Cache Memory एक उच्च गति वाली मेमोरी है जो CPU और RAM के बीच स्थित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य CPU को तेज़ी से डेटा और आदेश (instructions) प्रदान करना है, ताकि कंप्यूटर की गति को बढ़ाया जा सके।

जब CPU को किसी डेटा की आवश्यकता होती है, तो वह पहले Cache Memory में डेटा को खोजता है। यदि डेटा वहाँ उपलब्ध होता है, तो इसे Cache Hit कहा जाता है और CPU को डेटा तुरंत मिल जाता है। अगर डेटा Cache में नहीं मिलता, तो इसे Cache Miss कहते हुए CPU को डेटा RAM से लाना पड़ता है।


2.- Secondary /External memory
इस मेमोरी में स्टोर सूचना  कंप्यूटर के बंद होने के बाद नष्ट नहीं होता है यह डाटा को स्थाई रूप से स्टोर करता है  इसलिए इसे स्थाई मेमोरी भी कहते है। सेकेंडरी मेमोरी में डाटा स्टोरेज क्षमता प्राथमिक मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक होता है।  सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार की होती है। 
  • SSD ( Solid State Drive )
  • HDD (Hard disk drive)
  • PD (pan Drive)
  • USB ( Universal Serial Bus )
  • CD ( Compact Disk )
  • DVD ( Digital Video Disk )
  • Memory stick
Computer memory की इकाईयाँ
Computer memory की निम्नलिखित इकाईयाँ
computer memory , name of computer memoy unit

Types of computer (कंप्यूटर के प्रकार)

Computer को दो आधारों पर वर्गीकृत किया गया हैं
  1. कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)
  2. आकार के आधार पर (Based on Size)

1- कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)

कंप्यूटर को उसकी कार्यप्रणाली के आधार पर निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
  1. Analog Computer
  2. Digital Computer
  3. Hybrid Computer
Analog Computer
Analog Computer (एनालॉग कंप्यूटर):
यह कंप्यूटर निरंतर डेटा को प्रोसेस करता है। यह रियल-टाइम डेटा जैसे तापमान, दबाव, और गति को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण: जल, वायु, और मौसम की स्थितियों को मापने वाले उपकरण।

Example-
  • थर्मामीटर
  • Rain Guess 
  • old telephone 
  • Speedometer
  • seismograph
  • Polygraph 
Digital computer
 Digital Computer (डिजिटल कंप्यूटर):
यह कंप्यूटर डेटा को बाइनरी स्वरूप (0 और 1) में प्रोसेस करता है। यह अधिकतर आधुनिक कंप्यूटर होते हैं जो गणनाओं और डेटा प्रोसेसिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं।
Example
  • Laptop
  • Desktop
  • Mobile phone
  • Palmtop
Hybrid computer
Hybrid Computer (हाइब्रिड कंप्यूटर):
यह दोनों प्रकार के कंप्यूटर (एनालॉग और डिजिटल) का संयोजन होता है। इसका उपयोग विशेष अनुप्रयोगों में होता है, जैसे अस्पतालों में मरीजों की निगरानी। उदाहरण: ICU में प्रयोग होने वाले कंप्यूटर।
Example


  • Dialysis machine ( for blood clotting)
  • Ultrasound machine
  • CT scan machine
2- आकार के आधार पर (Based on size )
आकार के आधार पर कंप्यूटर को चार वर्गो में विभाजित किया गया है
  • Micro computer
  • Mini computer
  • Mainframe computer
  • Super computer

1-Micro computer

माइक्रो कंप्यूटर शब्द माइक्रोप्रोसेसर से संबंधित है जो डेटा और निर्देश कोड को संसाधित करने के उद्देश्य से एक व्यक्तिगत कंप्यूटर के साथ प्रयोग किया जाता है। ये सबसे आम कंप्यूटर प्रकार हैं क्योंकि वे बहुत महंगे नहीं होते है
Personal Computer
Micro computer को p c के नाम से भी जाना जाता है माइक्रो कंप्यूटर के निम्नलिखित उदाहरण है
  • Desktop
  • Laptop
  • Mobile phone
  • Palm top
2-Mini computer
मिनी कंप्यूटर मध्य आकार के कंप्यूटर हैं। आकार और शक्ति के संदर्भ में, मिनी कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर से उच्च स्थान दिया गया है।


मिनीकंप्यूटर एक बहुसंकेतन प्रणाली है जो एक साथ 4 से लगभग 200 उपयोगकर्ताओं को समर्थन देने में सक्षम है। मिनिकॉम्प्यूटर शब्द का उपयोग कम हो गया है और उनका सर्वर में विलय हो गया है।
Example
  • DEC PDP and VAX series.
  • Data General Nova.
  • IBM midrange computers.
  • Hewlett-Packard HP 3000 series and HP 2100 series.

3 – Mainframe computer

ये बड़े और महंगे कंप्यूटर प्रकार हैं जो सैकड़ों, या हजारों लोगों को एक साथ समर्थन करने में सक्षम हैं। इन कम्प्यूटरों उपयोग ज्यादातर सरकारी और बड़े संगठनों द्वारा डेटा प्रोसेसिंग, महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों, लेनदेन प्रसंस्करण, जनगणना, उद्योग और उपभोक्ता आंकड़ों के लिए किया जाता है।


इन कंप्यूटरों को मिनी तथा Micro कंप्यूटर से सर्वेष्ट माना जाता है
Example
  • IBM z Systems z13.
  • IBM Linux ONE Rockhopper.
  • z9 mainframe.
  • An IBM 704 mainframe (1964)

4 – Super computer


सुपर कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटेशनल रूप से गहन कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमें क्वांटम यांत्रिकी, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, तेल और गैस की खोज, आणविक मॉडलिंग (संरचनाओं और गुणों की गणना) शामिल हैं। ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों के सिमुलेशन, हवाई जहाज और अंतरिक्ष यान एरोडायनामिक्स, परमाणु हथियारों का विस्फोट, और परमाणु संलयन के लिए भी सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है सुपर कंप्यूटर 1960 के दशक में पेश किए गये थे लेकिन एक उल्लेखनीय उदाहरण 1976 का अत्यधिक सफल cry -1 है। इस कंप्यूटर को cray Research company द्वारा बनाया गया था तथा इसी company के नाम पर ही इसका नाम cray -1 रखा गया 


आधुनिक परिभाषा के अनुसार , वे Computer जो 500 Mega flop की क्षमता से कार्य कर सकते है , सुपर Computer कहलाते है | सुपर Computer एक सेकंड में एक अरब गणनाएँ कर सकता है

 नोट - सुपर Computer की गति को Megaflop में मापते है 


Example
  • JAGUAR, Oak Ridge National Laboratory.
  • NEBULAE, China
  • Cray -1
  • Cray-2
  • PARAM 8000 (1991)
  • PARAM 10000 in (1998)
  • Pratyush
  • Mihir
  • Sunway TaihuLus china
  • Fugaku (21-jun-2021 japan)

Generation of computer (कंप्यूटर की पीढ़ी)



कंप्यूटर के विकास का इतिहास अलग अलग पीढ़ी दर पीढ़ी computing उपकरणों के संदर्भ में है। यह यात्रा वैक्यूम ट्यूबों के साथ 1940 में शुरू हुई और तब से चली आ रही है। । computer generation को पाँच भागो में विभाजित किया गया है

  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
  • पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य)
1- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात नली (vacuum tube) का प्रयोग परिपथ बनाने में किया जाता था और मेमोरी के लिए चुम्बकीय ड्रम प्रयोग में लाते थे | निर्वात नली के प्रयोग की वजह से इन कंप्यूटर से बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी जो इन कंप्यूटर की बहुत बड़ी समस्या थी |
ये Computer निम्न स्तरीय भाषा को समझ पाते थे इसलिए इनको भी कार्य बताने के लिए बाइनरी भाषा काम में ली जाती थी , जो काम में लेने के लिए बहुत मुश्किल थी | क्योकि बाइनरी भाषा में समस्त निर्देश 0 और 1 के प्रयोग से लिखे जाते हैं जिनमे गलतियों को पहचानना बेहद मुश्किल कार्य होता था | ये कंप्यूटर एक समय में एक ही कार्य कर सकते थे | इनपुट व आउटपुट के लिए पंच कार्ड पर प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था |
UNIVAC और ENIAC प्रथम पीढ़ी के उदाहरण हैं

2 – दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)

ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज़ होते थे और इनमे निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर प्रयोग में लाया जाता था | ट्रांजिस्टर अविष्कार सन 1948 में हुआ, इसके प्रयोग के पश्चात कंप्यूटर की स्पीड (गति ) पहले से तेज़ हो गयी परन्तु ये कंप्यूटर भी ऊष्मा उत्सर्जित करते थे IBM7094 दूसरी पीढ़ी के कम्पुटर के उदाहरण है 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में इनपुट देने के लिए पंच कार्ड और आउटपुट प्राप्त करने के लिए प्रिंट आउट का ही प्रयोग किया जाता था | लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी भाषा के जगह असेंबली भाषा प्रयोग में लायी जाने लगी
असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में काम में लिया जाता है |

COBOL और FORTRAN भाषाओ के प्रारम्भिक वर्जन का प्रयोग इसी समय किया जाने लगा, जो की उच्च स्तरीय भाषा के उदहारण है

3 – तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)

इस पीढ़ी में इनपुट देने के लिए कीबोर्ड और आउटपुट के लिए मोनीटर का प्रयोग किया जाने लगा, और सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इस पीढ़ी में किया गया, जो की एक CUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम था | तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई. सी. का प्रयोग किया जाने लगा | आई. सी. का अविष्कार 1958 में जैक किल्बी द्वारा किया गया |

आई. सी. के प्रयोग से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा और पहले से तेज़ हो गये | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया जाने लगा और ये कंप्यूटर एक समय में एक से ज्यादा कार्य करने में सक्षम थे |
CUI- Character User Interface 
4 – चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत माइक्रोप्रोसेसर से हुई , जो की सिलिकोन से बनी एक चिप होती थी जिस पर हजारो आई.सी. एक साथ लगी होती है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI (GraInterfacephical User )आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जो की काम में लेने के लिए बहुत आसान था | Ex.- WINDOW xp,7,8,10
Fourth generation’s computer
इस पीढ़ी में ही माउस का प्रयोग शुरू हुआ और प्रोग्राम लिखने के लिए कुछ उच्च स्तरीय भाषाओ को विकसित किया गया जैसे- C और C++ |
Note –

  •  Intel कंपनी ने सर्वप्रथम 1971 में माइक्रोप्रोसेसर चिप का प्रयोग किया और उसे Intel-4004 नाम दिया |
  • 1981 में IBM ने होम यूजर के लिए पहला कंप्यूटर बनाया |
  • 1984 में APPLE कंपनी ने Macintosh- Operation System बनाया |
  • IBM- International Business Machine
5 – पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य)
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ए.आई. के साथ विकसित हुई, ए.आई. से तात्पर्य है की एक मशीन जो मानवीय गुणों को समझ सके|
ये पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल उपकरणों में काम लेते है जैसे- फिंगर प्रिंट , रोबोट , आवाज द्वारा इनपुट देना आदि |
Future’s computer
इस पीढ़ी का मुख्य उद्देश्य ऐसी मशीन का निर्माण करना है जो यूजर की भाषा को समझ सके और उसका जवाब दे सके और साथ ही वो मशीन सिखने में सक्षम हो |
Software और Hardware
Software – ”software is a set of program which complete a specific task ”
सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे गए नियमो तथा निर्देशो का समूह होता है जो कंप्यूटर प्रणाली को नियंत्रित करता है कंप्यूटर सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं
  • सिस्‍टम सॉफ्टवेयर (system software)
  • एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software)
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software)  यह  System Software का समरूप है 

1. सिस्‍टम सॉफ्टवेयर (system software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो कंप्‍यूटर के हार्डवेयर को Manage करते हैं और इन्‍हीं की वजह से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) कंप्‍यूटर में चल पाते हैं या हम उस पर कार्य कर पाते हैं System software को operating software के नाम से भी जानते है System Software का निम्नलिखित उदाहरण है

मुख्य उदाहरण:

  • Operating System – Windows, Linux, macOS ( UNIX

    LINUX
    ABUNTU
    FEDORA
    WINDOWS xp
    Windows 7
    Windows 8
    Windows 8.1
    Windows 10
    Windows 11
  • Device Driver – Printer, Keyboard Driver

  • Utility Programs – Antivirus, Disk Cleanup

  • Programming Software – Compiler, Debugger, Interpreter

2. Application software
एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर पर आधारित मुख्य कार्यो को करने के लिए लिखे जाते हैं Application software सिस्टम सॉफ्टवेयर के निर्देशानुसार कार्य करते है तथा इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग ग्राफिक प्रेजेंटेशन , वीडियो ऑडिटिंग, डेटा एंट्री इत्यादि कार्यो को करने के लिए किया जाता है application software के निम्नलिखित उदाहरण है
  • PHOTOSHP
  • COREL DRAW
  • MS WORD
  • MS POWER POINT
  • MS EXCEL
  • MS ACCESS
  • CHROME BROWSER(Web Browser)
  • VLC MEDIA PLAYER
  • MOZILA FIREFOX(web Browser )
  • SAFARI (web Browser)
 यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software)
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) का काम कंप्‍यूटर के ऑपरेटिंग सिस्‍टम  की सर्विस/ रिपेयर करने का काम होता है तथा यह ऑपरेटिंग सिस्‍टम केे माध्‍‍यम से यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) कुछ हार्डवेयर की सर्विस करने का काम भी करते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता और गति को बढाया जा सके, इसमें से बहुत कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) ऑपरेंटिंग सिस्‍टम के साथ आते है और कुछ को अलग से कंप्यूटर में instal करना पड़ता है
  • Disk Difragement
  • Disk cleanup
  • Disk checkup
  • Antivirus
Hardware (हार्डवेयर)
Computer के वे सभी भौतिक भाग जिसको देख तथा छू कर महसूस किया जा सकता है , हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के निर्देशानुसार ही कार्य करते है
  • Monitor
  • CPU
  • Keyboard
  • Mouse
Windows operating system
विंडोज ( windows ) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम की एक श्रृंखला है। विंडोज के प्रत्येक संस्करण में एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस शामिल होता है

जिसके द्वारा  उपयोगकर्ताओं को विंडोज़ में फ़ाइलों और फ़ोल्डरों को देखने की अनुमति मिलता  है। पिछले दो दशकों से, विंडोज (Personal computer ) PC के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है
Microsoft क्या है
माइक्रोसॉफ्ट, विश्व की एक प्रसिद्ध  बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो मुख्यत: संगणक अभियान्त्रिकी (computer Technology) के क्षेत्र में काम करती है। माईक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी है। 100 से भी अधिक देशों में फैली इसकी शाखाओं में 70000 से भी अधिक लोग काम करते हैं। इसका वार्षिक व्यापार लगभग 20 खरब रूपयों ( 45 बिलियन डॉलर्स) का है। 
कम्पनी का मुख्यालय अमेरिका में रेडमण्डवॉशिंगटन में स्थित है। इसकी स्थापना बिल गेट्स ने 4 अप्रैल 1975 को की थी। इसका मुख्य उत्पाद विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अलावा माईक्रोसॉफ्ट नाना प्रकार के सॉफ्टवेयर भी बनाती है।



CPU क्या है ?

कंप्यूटर में सभी logical और Arithmetic कार्य सी.पी.यु के अंदर ही होते है सी.पी.यु कंप्यूटर सिस्टम का केंद्र होता है अर्थात कंप्यूटर के सभी यंत्र सी.पी.यु से ही जुड़े होते है कंप्यूटर से जुड़े  सभी यंत्र सी.पी.यु द्वारा ही संचलित होते है इसलिए इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहा जाता है CPU के मुख्य  घटक microprocessor है 

what is microprocessor

Microprocessor एक ऐसा Digital Electronic Device है जो लाखों ट्रांजिस्टरों का समूह होता है यह Motherboard के केंद्रे में लगा होता है और कंप्यूटर के सभी उपकरणों को निर्देश देता है Microprocessor कंप्यूटर में ब्रेन जैसा कार्य करता है कंप्यूटर के सभी प्रकार के प्रक्रिया सबसे पहले Microprocessor में ही होती है Microprocessor को तीन भागो में बाँटा गया है     

  1. CU (Control Unit)
  2. ALU(Arithmetic Logic Unit)
  3. Register 

Control Unit (CU)

कण्ट्रोल यूनिट Microprocessor के अन्य भागो द्वारा ( Register ,A.L.U) से  सूचना प्राप्त करता है और सूचना के मुताबिक निर्देश देता है अर्थात Microprocessor में कण्ट्रोल यूनिट निर्णय लेने का कार्य करता है  

ALU (Arithmetic Logic Unit)

A.L.U एक C.P.U का हिस्सा है जो जोड़, घटाव, गुणा और भाग सहित सभी अंकगणितीय गणना करता है।  A.L.U सभी तार्किक संचालन भी करती है। 
कुछ C.P.U में एक व्यक्तिगत A.L.U को दो इकाइयों में विभाजित किया जाता है जिन्हें Arithmetic Unit (A.U)  कहा जाता है। कुछ प्रोसेसर में एक से अधिक AU भी होते हैं। 
एक A.L.U इनपुट रजिस्टरों से Data लोड करके काम करता है, फिर  Control Unit  A.L.U को बताती है कि उस डेटा पर कौन सा work करना है, और अंत में A.L.U अपने परिणाम को आउटपुट Register में Store करता है। 

Register

Register प्रोसेसर के अंदर निर्देशों या डेटा के लिए अस्थायी Storage हैं। Register मूल रूप से विशेष Storage स्थान होते हैं जो कुछ हद तक कंप्यूटर की मेमोरी के समान होते हैं, हालांकि प्रोसेसर के अंदर होते हैं और असाधारण रूप से तेज़ होते हैं।

Register CU के निर्देशन में निर्देश या डेटा को स्वीकार करने, रखने और स्थानांतरित करने और उच्च गति की गति से अंकगणित या तार्किक तुलना करने के लिए काम करते हैं।

Computer Monitor क्या है 


कंप्यूटर मॉनिटर कम्यूटर का मुख्य आउटपुट डिवाइस है जो कम्पुटर सिस्टम में किये जा रहे सभी प्रकार के गतिविधिओ को प्रदर्शित करने का कार्य करता है इसे Visual Display Unit (vdu ) के नाम से भी जाना जाता है कंप्यूटर मॉनिटर के निम्न लिखित प्रकार है  

नोट- सबसे पहले (CRT ) Cathode Ray Tube  मॉनिटर का  अविष्कार Karl Fardinand Braun ने सन 1897 में किया था 

  • CRT ( Cathode Ray Tube ) Monitor 
  • Flat Panel Monitor 
  • LCD ( Liquid Crystal Display ) Monitor
  • LED ( Light Emitting Diode ) Monitor 

Keyboard क्या है 

कीबोर्ड कंप्यूटर  का एक मुख्य इनपुट डिवाइस है जो यूजर के सूचनाओं को कंप्यूटर तक टाइपिंग के द्वारा भेजने में सहायता करता है एक कीबोर्ड में लगभग 104 से 106 key होते है|  कीबोर्ड के कुंजियों के निम्नलिखित प्रकार है 

  1. Alphanumeric key 
  2. Numeric key 
  3. Function key 
  4. Modifier key 
  5. Cursor Key 
  6. Special Key 
  • Alphanumeric key -Alphanumeric Keys की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होती हैं| Alphanumeric Keys में Alphabets (A-Z), Number (0-9), Symbol (@, #, $, %, ^, *, &, +, !, = ), होते हैं| इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होती हैं|
  • Numeric Keyन्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad) में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं| जिनमे 0-9 तक के अंक, गणितीय ऑपरेटर (Mathematic operators) जैसे- +, -. *, / तथा Enter key होती हैं |
  • Function Key -की-बोर्ड के सबसे ऊपर संभवतः ये 12 फंक्शन कुंजियाँ होती हैं| जो F1, F2……..F12 तक होती हैं| ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं| इन Keys के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप बदलते रहते हैं|
  • Modifier Keyइसमें तीन कुंजियाँ होती हैं, जिनके नाम SHIFT, ALT, CTRL हैं| इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता हैं, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता हैं तो ये उन कुंजियो के इनपुट को बदल देती हैं| इसलिए ये मॉडिफायर कुंजी कहलाती हैं|
  • cursor Key ये चार प्रकार की Keys होती हैं UP, DOWN, LEFT तथा RIGHT | इनका प्रयोग कर्सर को स्क्रीन पर मूव कराने के लिए किया जाता है|
  • Special Key - ये कुंजियाँ कुछ विशेष कार्यों को करने के लिये प्रयोग की जाती है| जैसे- Sleep, Power, Volume, Start, Shortcut, Esc, Tab, Insert, Home, End, Delete, इत्यादि| ये कुंजियाँ नये ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं|

Printer क्या है 

प्रिंटर कम्प्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है जो सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी के रूप में परिवर्तित करता है अर्थात यह एक ऐसा यंत्र है जो हमें की डिजिटल सूचनाओं को किसी object पर छाप कर देता है 
Modern Printer 


कंप्यूटर सिस्टम में प्रयोग होने के अनुसार प्रिंटर को दो भागो में विभक्त किया गया है 
  • इम्पैक्ट प्रिंटर ( Impact Printer )  - Dot Matrix printer , Line printer
  • नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर ( Non Impact Printer ) - Lager printer , Inkjet Printer ,Thermal Printer , Plotter  , etc 

What is Artificial Intelligence

Artificial Intelligence(AI) कंप्यूटर या किसी मशीन का वह गुण है जो कंप्यूटर (मशीन) को सोचने की शक्ति प्रदान करता है यह ऐसा डिपार्टमेंट है जो मशीन को स्वयं सोचने और निर्णय लेने के क्षेत्र में कार्य करता है | 

सामान्य उपयोग में, "(Artificial Intelligence)" शब्द का अर्थ एक ऐसा Program है जो मानव विचारों की नकल करता है।, यह मानव के कुछ गुणों को आसानी से समझने में सक्षम है जैसे Body movement , voice Recognize, Auto Answer ETC , हालांकि यह मनुष्य की सभी गतिविधियो का पूरी तरह से नक़ल करने में असमर्थ है |

(1927-2011)

John Mc Carthy एक कंप्यूटर साइंस , क्षेत्र के वैज्ञानिक थे जो 1955 में Artificial Intelligence शब्द का उपयोग करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने 1958 में  Logical Programming करने में सक्षम होने के लिए LISP(list processing कंप्यूटर भाषा  को पढ़ने , लिखने का एक आसान माध्यम  ) का आविष्कार किया। यह LISP को दूसरी सबसे पुरानी उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा बनाता है जो अभी भी उपयोग में है। मैकार्थी के काम को कई पुरस्कार मिले1971 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर उनके काम के लिए 2003 में नेशनल मेडल ऑफ साइंस से सम्मानित किया गया ।

What is Binary Number System

Binary Number System एक ऐसा संख्या पद्धति है जो कंप्यूटर प्रयोग करता है इस संख्या पद्धति में दो संख्या zero(0) और one (1) होती है दो संख्या होने के वजह से इसे  द्विअधारी संख्या पद्धति भी कहा जाता है अर्थात ऐसा संख्या पद्धति जिसमे संख्याओ का आधार सिर्फ दो हो |

computer के द्वारा दिखाए गए सभी परिणाम ०,१ के रूप में होती है और कंप्यूटर हमें इसी भाषा में उत्तर भी देता है लेकिन कंप्यूटर और प्रयोगकर्ता के बिच एक सॉफ्टवेर कार्य करता है(Ex- compiler,Interpreter,Assembler ) जो Binary Number को Natural Number में बदल देता है और Natural Number को Binary Number में बदल देता है इससे कंप्यूटर को निर्देश देना आसान हो जाता है और कंप्यूटर पर कार्य करने में कठिनाई नही होती |

 











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