जब एक या एक से अधिक कंप्यूटर एक दुसरे से कंप्यूटिंग device के माध्यम से जुड़े रहते है और उनके विच सूचनाओ का संचारण होता रहता है , कंप्यूटर के इस जुड़ाव को कंप्यूटर नेटवर्क कहते है
कंप्यूटर नेटवर्क मुख्यतः तीन प्रकार के होते है
- LAN ( Local Area Network )
- MAN ( Metropolitan Area Network )
- WAN ( Wide Area Network )
LAN ( Local Area Network )
यह एक ऐसा नेटवर्क है जो एक सिमित क्षेत्र तक फैला रहता है इस नेटवर्क की दुरी लगभग एक किलो मीटर तक की होती है लोकल एरिया नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर की संचारण गति सभी नेटवर्क के अपेक्षा तीव्र होती है इस नेटवर्क का प्रयोग छोटे स्तर की कंपनियां तथा निजी प्रयोग के लिए किया जाता है
MAN (Metropolitan Area Network )
यह एक से अधिक LAN का ऐसा जुड़ाव है जो एक नगर से दूसरे नगर तक फैला रहता है इस नेटवर्क के अंतर्गत दो या दो से अधिक LAN नेटवर्को का समूह आता है जिनके मध्य सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है इस नेटवर्क के संचारण की गति Lan के अपेक्षा धीमी होती है यह एक secure नेटवर्क है MAN नेटवर्को की नेटवर्किंग केबलों के माध्यम से किया जाता है
WAN (Wide area Network)
इस नेटवर्क के अंतर्गत Lan और Man दोनों नेटवर्क आते है अर्थात जब एक से अधिक Man नेटवर्को का जुड़ाव एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक होता है ,ऐसे नेटवर्क Wan नेटवर्क कहलाते है Wan दुनिया के सभी छोटे - छोटे कंप्यूटर नेटवर्को को एक साथ जोड़ता है वर्तमान में Internet इसका सबसे बड़ा उदाहण है Wan नेटवर्क टेलीफोन लाइन , मानव निर्मिंत satellite , Route ,Bridge इत्यादि कंप्यूटिंग यंत्रो की सहायता से जुड़े होते है
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कंप्यूटर नेवटर्क के गुण
एक कंप्यूटर नेटवर्क user को अलग - अलग माध्यम से आसानी और कुशलता पूर्वक संवाद करने की अनुमति देने वाले पारस्परिक संचार सुविधा प्रदान करता है जैसे ऑनलाइन मार्केटिंग , ऑनलाइन चैटिंग ,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इत्यादि
History of Network (इंटरनेट का इतिहास )
कंप्यूटर नेटवर्किंग की शुरुआत सन 1969 से शुरू हुआ सबसे पहले कंप्यूटर नेटवर्किंग अमेरिका के रक्षा विभाग के उन्नत अनुसंधान कंपनी ARPA (advance Research Project Agency ) द्वारा चार कंप्यूटरो को आपस में जोड़कर किया गया उस समय उन नेटवर्को का प्रयोग युद्ध के समय अमेरिकी सैनिको को गुप्त सन्देश भेजने में किया जाता था परन्तु कंप्यूटर नेटवर्क के गुणों से अवगत होने के बाद लोग कंप्यूटर नेटवर्किंग व्यक्तिगत रूप से प्रयोग करने लगे |
वैसे तो कम्यूटर नेटवर्किंग 1969 में शुरू हो गया था परन्तु नेटवर्किंग कण्ट्रोल 1970 से लागु किया गया सन 1980 के शुरुआत में NSF (National Science Foundation ) यह ARPANet के बाद दूसरी संस्था थी जिसे कंप्यूटर नेटवर्किंग का श्रेय दिया जाता है , ने कई विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर नेटवर्किंग की स्थापना की , सन 1986 में NSFNET (National Science Foundation Network) ने अपने प्रोजेक्ट के साथ कंप्यूटर नेटवर्किंग की सुविधा प्रदान की तथा सन 1990 में NSFNET को पूर्ण रूप से विस्थापित कर दिया गया वर्तमान समय में नई तकनिकी के साथ दुनिया के सभी कम्पूटर एक साथ किसी न किसी माध्यम से एक दूसरे से जुड़े है जिसे आज इंटरनेट(Internet)के नाम से जाना जाता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है
कंप्यूटर नेटवर्क के तत्व (Elements Of Computer's Network )
कंप्यूटर नेटवर्किंग के लिए विभिन्न तत्वों का होना आवश्यक होता है जो एक कंप्यूटर नेटवर्क को पूर्ण बनाते है जो निम्न लिखित है
- सर्वर (Server)
- नोड (Node) / Client
- नेटवर्क केबल (Network cable)
- नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System)
- नेटवर्क कार्ड (Network Card)
- प्रोटोकॉल (Protocol)
- मॉडेम ( Modem )
- राऊटर (Router)
सर्वर-Server
Server किसी कंप्यूटर नेटवर्क का मुख्य कंप्यूटर होता है यह कंप्यूटर नेटवर्क में एक केन्द्रीय कंप्यूटर के रूप में कार्य करता है नेटवर्क के सभी कंप्यूटर सर्वर कंप्यूटर ( CPU ) से जुड़े होते है
नोड -Node / Client
किसी कंप्यूटर नेटवर्क में सर्वर के अतिरिक्त सर्वर से जितने भी कंप्यूटर जुड़े होते है उसे नोड या क्लाइंट कंप्यूटर कहा जाता है
नेटवर्क केबल -Network cable
कंप्यूटर नेटवर्किंग जिन तारो के माध्यम से किया जाता है अर्थात कंप्यूटर को एक दुसरे से जिन तारो के सहायता से जोड़ा जाता है उसे नेटवर्क केबल कहा जाता है
नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम -Network Operating System
यह एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो नेटवर्क के सर्वर कंप्यूटर में इंस्टाल किया जाता है यह सॉफ्टवेयर सर्वर तथा क्लाइंट कंप्यूटर के मध्य संचारण स्थापित करता है
नेटवर्क कार्ड -Network Card
नेटवर्क कार्ड कंप्यूटर के motherboard में लगा एक Device है जो नेटवर्क केबल के द्वारा सभी कोम्पुटर को आपस में जोड़ता है
प्रोटोकॉल -Protocol
प्रोटोकॉल कंप्यूटर नेटवर्क के मध्य नियमो तथा निर्देशों का एक समूह होता है जो नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर के बिच सूचना आदान - प्रदान करने के अनुमति देता है प्रोटोकॉल ही निर्धारित करता है सुचना किसी दूसरे कंप्यूटर तक किस रूप में भेजना तथा प्राप्त करना है
मॉडेम -Modem
मॉडेम एक ऐसा कम्प्यूटिंग डिवाइस जो सूचनाओं को एनालॉग तथा डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है
मॉडेम ( Modem ) दो शब्दों से मिलकर बना है Modulator तथा Demodulator जब सुचना डिजिटल रूप से एनॉलॉग रूप में परिवर्तित किया जाता है तो मोडलेटर कहलाता है तथा जब सुचना एनॉलॉग से डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जाता है तो Demodulator कहलाता है , मॉडेम प्रत्येक क्लाइंट कंप्यूटर के पास लगाया जाता है
राउटर -Router
राउटर एक येसा device जो सूचनाओ को पैकेट के रूप में परिवर्तित करता है राउटर अलग नेटवर्क को एक साथ जोड़ता है Router का प्रयोग wireless नेटवर्किंग में भी प्रयोग किया है
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