इनपुट-आउटपुट यूनिट Input-Output Unit
कम्प्यूटर में इनपुट-आउटपुट के साधनों का महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि उपयोगकर्ता का सीधा सम्बन्ध इन्हीं उपकरणों से होता है और इन्हीं के माध्यम से वह कम्प्यूटर से अपना कार्य कराता है। इनपुट उपकरणों का कार्य यह है कि हम अपनी भाषा में उन्हें जो भी डेटा या आदेश देते हैं, वे उसे बाइनरी कोड में बदलकर कम्प्यूटर (अर्थात् सी. पी. यू.) में भेज देते हैं। इसी प्रकार आउटपुट उपकरण कम्प्यूटर से प्राप्त होने वाले परिणामों को, जो बाइनरी कोड में होते हैं, हमारे लिए उचित संकेतों या भाषा तथा चित्रों में बदलकर हमें उपलब्ध कराते हैं।
1. यूजर द्वारा डेटा
(Data) तथा निर्देशों
(Instructions) को प्राप्त
करना।
2. निर्देशों तथा डेटा को कम्प्यूटर द्वारा स्वीकार किए जाने वाले रूप में
बदलना।
3. यूजर द्वारा प्राप्त डेटा, प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर को उपलब्ध
कराना।
इसी प्रकार,
आउटपुट यूनिट द्वारा मुख्य कार्य किए जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं
1. कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को स्वीकार करना, जो बाइनरी कोड
के रूप में होते हैं।
2. कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को सेकेण्डरी स्टोरेज यूनिट में स्टोर
करना।
3. कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को यूजर द्वारा पढ़ने या समझने योग्य
रूप में बदलना।
इनपुट-आउटपुट की यूनिटों को इतना सरल बनाया जाता है कि कोई भी उपयोगकर्ता, उसका बिना किसी कठिनाई के उपयोग कर सके। ये यूनिट हमारी आवश्यकतानुसार कई प्रकार की होती हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में कीबोर्ड, माउस, ट्रैकबॉल, जॉयस्टिक,
लाइट पेन, स्कैनर, ऑप्टिकल मार्क रीडर आदि इनपुट के प्रचलित साधन हैं तथा मॉनीटर, प्रिण्टर, ग्राफ प्लॉटर, स्पीकर आदि आउटपुट के प्रचलित साधन हैं।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट
Central Processing Unit (CPU)
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट एक वास्तविक कम्प्यूटर है। यह कम्प्यूटर का मस्तिष्क और हृदय कहलाता है। कम्प्यूटर में किए जाने वाले सभी कार्य सी.पी. यू. द्वारा ही किए जाते हैं। इनपुट-आउटपुट के उपकरण तो केवल कम्प्यूटर से हमारा सम्बन्ध जोड़ने का कार्य करते हैं।
पी. सी. (PC) या माइक्रो कम्प्यूटर के सी.
पी. यू. में एक छोटा-सा माइक्रोप्रोसेसर
(Microprocessor) लगा होता है। अन्य बड़े कम्प्यूटरों में एक से अधिक माइक्रोप्रोसेसर्स हो सकते हैं। सी.पी.यू. के प्रमुख कार्य निम्न हैं
1. निर्देशों तथा डेटा को मुख्य मैमोरी
(Main Memory) से रजिस्टर्स
में स्थानान्तरित
(Transfer) करना ।
2. निर्देशों का क्रमिक रूप से क्रियान्वयन
(Execution) करना।
3. आवश्यकता पड़ने पर आउटपुट डेटा को रजिस्टर्स से मुख्य मैमोरी
में स्थानान्तरित करना ।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट तीन महत्त्वपूर्ण भागों से मिलकर बनती है|
1. अर्थमैटिक एवं लॉजिक
यूनिटArithmetic
and Logic Unit (ALU)
यह यूनिट सी.
पी. यू. के लिए सभी प्रकार की अंकगणितीय क्रियाएँ
(जोड़, घटा, गुणा तथा भाग)
और तुलनाएँ
(दो संख्याओं में यह बताना कि कौन-सी छोटी या बड़ी है या दोनों बराबर हैं) करती है । यह कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक परिपथों (Circuits) से मिलकर बनी होती है, जिनमें एक ओर से कोई दो संख्याएँ भेजने पर और दूसरी ओर उनका योग, अन्तर, गुणनफल, भागफल या तुलनात्मक गणना
(जैसे,
< > =, <=,>=)
प्राप्त हो जाती है। इसमें सभी क्रियाएँ बाइनरी पद्धति
(Binary Method) में की जाती हैं। प्राप्त होने वाली संख्याओं तथा क्रियाओं के परिणामों को अस्थायी रूप से स्टोर करने के लिए रजिस्टर का प्रयोग किया जाता है।
रजिस्टर (Register)
यह एक ऐसा उपकरण या साधन है, जिसमें डेटा स्टोर किया जाता है। रजिस्टर बहुत तीव्र गति वाली अस्थायी स्टोरेज युक्ति है। मैमोरी Hierarchy में रजिस्टरों का स्थान सबसे ऊँचा होता है और ये सी. पी. यू. के डेटा का उपयोग करने के लिए सबसे तीव्र मार्ग देते हैं। किसी प्रोग्राम के क्रियान्वयन
(Execution) को सबसे तीव्र गतिशीलता प्रदान करने के लिए रजिस्टरों का व्यापक प्रयोग किया जाता है।
Control Unit (CU)
इस भाग का कार्य बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। यह कम्प्यूटर के सभी भागों के कार्यों पर नजर रखता है और उनमें परस्पर तालमेल बैठाने के लिए उचित आदेश भेजता है। इसका सबसे प्रमुख और पहला कार्य यह है कि हम जिस प्रोग्राम का पालन कराना चाहते हैं, यह उसे मैमोरी में से क्रमश: पढ़कर उसका विश्लेषण (Analysis) करता है और उसका पालन कराता है। किसी आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए यह कम्प्यूटर के दूसरे सभी भागों को उचित निर्देश देता है।
Memory Unit
मैमोरी कम्प्यूटर का वह भाग है, जो डेटा तथा निर्देशों को संगृहीत करता है। कम्प्यूटर की मैमोरी आधुनिक कम्प्यूटरों के मूल कार्यों से एक सूचना स्टोरेज (Information storage)
की सुविधा प्रदान करती है। यह कम्प्यूटर के CPU का भाग होती है और उससे मिलकर सम्पूर्ण कम्प्यूटर बनाती है।
इसके पास दो प्रकार की मैमोरी होती है-प्राइमरी मैमोरी व सेकेण्डरी मैमोरी। प्राइमरी मैमोरी CPU से सीधे जुड़ी होती है और उसमें स्टोर डेटा को लगातार पढ़ती रहती है और उनका पालन कराती है। सेकेण्डरी मैमोरी CPU से बाहर होती है और इसमें डेटा स्टोर करने की क्षमता प्राइमरी मैमोरी से अधिक होती है।