भारतीय संविधान के निर्माण के समय देश की परिस्थितियाँ और योगदान

प्रस्तावना

भारत का संविधान (Indian Constitution) विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसका निर्माण एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने आज़ाद भारत को लोकतांत्रिक ढांचे और स्थिरता प्रदान की। जब संविधान सभा (Constituent Assembly) ने कार्य करना प्रारम्भ किया, उस समय देश सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से बड़े ही अस्थिर दौर से गुजर रहा था।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि संविधान निर्माण के समय देश की परिस्थितियाँ कैसी थीं, किन-किन नेताओं और विचारधाराओं ने इसमें योगदान दिया और कैसे यह महान दस्तावेज तैयार हुआ।

संविधान निर्माण की पृष्ठभूमि (Background of Constitution Making)

  • भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ।

  • आज़ादी से पहले देश 200 से अधिक वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी झेल चुका था।

  • ब्रिटिश शासन ने भारत को राजनीतिक दृष्टि से विभाजित कर रखा था।

  • 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ और 9 दिसंबर 1946 को पहली बैठक हुई।


संविधान निर्माण के समय देश की परिस्थितियाँ

1. राजनीतिक परिस्थिति

  • देश हाल ही में विभाजन (Partition) की त्रासदी से गुज़रा था।

  • पाकिस्तान का गठन हुआ और करोड़ों लोग शरणार्थी बन गए।

  • दंगे, हिंसा और प्रशासनिक अराजकता का माहौल था।

  • रियासतों (Princely States) का भारत में विलय एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था।

2. सामाजिक परिस्थिति

  • समाज में जातिवाद, अस्पृश्यता और असमानता गहरी जड़ें जमा चुकी थी।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य की कमी थी।

  • महिलाओं की स्थिति भी बेहद कमजोर थी, उन्हें समान अधिकार नहीं मिले थे।

  • समाज को समानता और न्याय के मार्ग पर लाना आवश्यक था।

3. आर्थिक परिस्थिति

  • देश आर्थिक दृष्टि से बेहद कमजोर था।

  • अंग्रेजों ने भारत की संपत्ति और संसाधनों को लूट लिया था।

  • औद्योगिक विकास बहुत धीमा था।

  • किसान और मजदूर गरीबी व शोषण का शिकार थे।

  • विभाजन ने व्यापार और उद्योग को भी नुकसान पहुँचाया।

4. सांस्कृतिक और धार्मिक परिस्थिति

  • भारत बहुधर्मी और बहुभाषी देश था।

  • सांप्रदायिक तनाव चरम पर था।

  • हिंदू-मुस्लिम दंगे विभाजन के समय बड़ी चुनौती थे।

  • सभी समुदायों को जोड़ना और एक ‘भारतीय पहचान’ बनाना एक कठिन कार्य था।


संविधान सभा का गठन


  • संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन प्लान (1946) के तहत हुआ।

  • कुल 389 सदस्य थे, बाद में पाकिस्तान अलग होने के कारण यह संख्या 299 रह गई।

  • संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चुने गए।

  • संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 166 बैठकों के बाद संविधान तैयार किया।


संविधान निर्माण में प्रमुख समितियाँ और उनका योगदान

1. प्रारूप समिति (Drafting Committee)

  • अध्यक्ष: डॉ. भीमराव आंबेडकर

  • भूमिका: संविधान का प्रारूप तैयार करना

  • डॉ. आंबेडकर को "संविधान निर्माता" (Architect of Indian Constitution) कहा जाता है।

2. प्रांतीय संविधान समिति

  • अध्यक्ष: पंडित जवाहरलाल नेहरू

  • उद्देश्य: प्रांतों के लिए शासन व्यवस्था तैयार करना

3. मूल अधिकार समिति (Fundamental Rights Committee)

  • अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल

  • योगदान: नागरिकों के मौलिक अधिकार तय करना

4. संघीय शक्तियों की समिति

  • अध्यक्ष: जवाहरलाल नेहरू

  • केंद्र और राज्यों के अधिकार निर्धारित करना

5. रियासतों की समिति

  • अध्यक्ष: सरदार पटेल

  • रियासतों का भारत में विलय सुनिश्चित करना


संविधान निर्माण में प्रमुख नेताओं का योगदान

1. डॉ. भीमराव आंबेडकर

  • संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष

  • मौलिक अधिकार, सामाजिक न्याय और समानता पर विशेष जोर

  • कमजोर वर्गों, दलितों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की

2. पंडित जवाहरलाल नेहरू

  • उद्देशिका (Preamble) की नींव "उद्देश्य प्रस्ताव" के माध्यम से रखी

  • लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता पर बल

3. महात्मा गांधी

  • भले ही वे संविधान सभा में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं थे, लेकिन उनकी विचारधारा "ग्राम स्वराज", "सत्य और अहिंसा" संविधान की आत्मा में झलकती है।

4. सरदार वल्लभभाई पटेल

  • 562 रियासतों का भारत में विलय कराया

  • एकीकृत भारत के निर्माता

5. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

  • संविधान सभा के अध्यक्ष

  • निष्पक्ष नेतृत्व और मार्गदर्शन दिया

6. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

  • शिक्षा और संस्कृति संबंधी प्रावधानों में अहम योगदान

  • राष्ट्रवाद और एकता पर बल

7. अन्य प्रमुख नेता

  • अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर

  • एन. गोपालस्वामी आयंगर

  • पुरुषोत्तम दास टंडन

  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी

  • भी एन. मुंशी


संविधान निर्माण में विदेशी संविधानों का प्रभाव

  • ब्रिटिश संविधान: संसदीय प्रणाली

  • अमेरिकी संविधान: मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनरावलोकन

  • आयरिश संविधान: नीति निर्देशक तत्व

  • कनाडाई संविधान: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा

  • फ्रांसीसी संविधान: स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श


संविधान निर्माण की विशेषताएँ

  1. लिखित और विस्तृत संविधान

  2. संघीय ढांचा लेकिन केंद्र को मजबूत बनाना

  3. संसदीय शासन प्रणाली

  4. मौलिक अधिकार और कर्तव्य

  5. धर्मनिरपेक्षता

  6. स्वतंत्र न्यायपालिका

  7. नीति निर्देशक तत्व


संविधान निर्माण में समय और खर्च

  • कुल समय: 2 वर्ष 11 माह 18 दिन

  • कुल खर्च: लगभग 6.4 करोड़ रुपये


संविधान का अंगीकरण और प्रवर्तन

  • 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अंगीकृत किया।

  • 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

  • इस दिन को हम हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।


निष्कर्ष

भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह देश की आत्मा है। इसके निर्माण के समय देश बेहद कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन महान नेताओं की दूरदर्शिता और अथक परिश्रम से एक ऐसा संविधान तैयार हुआ जिसने भारत को लोकतांत्रिक, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया।
आज संविधान हमारे देश की एकता, अखंडता और प्रगति का सबसे बड़ा आधार है।

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