भूमिका
आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। कंप्यूटर, मोबाइल फोन, इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5G, ऑटोमेशन और स्मार्ट डिवाइसेज़ – इन सभी की नींव एक छोटी-सी लेकिन अत्यंत शक्तिशाली चीज़ पर टिकी होती है, जिसे प्रोसेसर या माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है। प्रोसेसर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का “मस्तिष्क” होता है। जिस प्रकार मानव मस्तिष्क पूरे शरीर को नियंत्रित करता है, उसी प्रकार प्रोसेसर पूरे सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करता है।
अब तक भारत प्रोसेसर और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में काफी हद तक विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहा है। अमेरिका, ताइवान, दक्षिण कोरिया और यूरोप जैसे देश इस क्षेत्र में आगे रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस निर्भरता को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। इसी दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है — ध्रुव-64 (DHRUV64)।
ध्रुव-64 भारत का पहला पूरी तरह स्वदेशी 64-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे भारत में ही डिज़ाइन और विकसित किया गया है। यह प्रोसेसर भारत के सेमीकंडक्टर भविष्य की नींव माना जा रहा है।
ध्रुव-64 क्या है?
ध्रुव-64 (DHRUV64) एक 64-बिट, डुअल-कोर माइक्रोप्रोसेसर है। इसे भारत की प्रमुख अनुसंधान संस्था C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रोसेसर भारत सरकार के माइक्रोप्रोसेसर डेवलपमेंट प्रोग्राम (MDP) के अंतर्गत बनाया गया है।
ध्रुव-64 का नाम भारतीय संस्कृति और खगोल विज्ञान से प्रेरित है। “ध्रुव” का अर्थ है — स्थिरता, दिशा और भरोसा। इस नाम के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि यह प्रोसेसर भारत की तकनीकी प्रगति की स्थायी दिशा तय करेगा।
64-बिट प्रोसेसर का अर्थ
कई लोगों के मन में यह प्रश्न होता है कि 64-बिट प्रोसेसर का क्या मतलब है।
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64-बिट प्रोसेसर एक बार में 64 बिट डेटा को प्रोसेस कर सकता है
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यह 32-बिट प्रोसेसर की तुलना में ज्यादा तेज़, शक्तिशाली और अधिक मेमोरी सपोर्ट करता है
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64-बिट प्रोसेसर आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम और उन्नत एप्लिकेशन के लिए आवश्यक होता है
ध्रुव-64 का 64-बिट होना यह दर्शाता है कि भारत अब आधुनिक प्रोसेसर तकनीक में प्रवेश कर चुका है।
ध्रुव-64 की तकनीकी विशेषताएँ
ध्रुव-64 प्रोसेसर की प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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आर्किटेक्चर:
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RISC-V (Reduced Instruction Set Computer – Five)
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यह एक ओपन-सोर्स आर्किटेक्चर है
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बिट-आर्किटेक्चर:
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64-बिट
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कोर:
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डुअल-कोर (दो कोर)
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क्लॉक स्पीड:
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लगभग 1.0 GHz
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निर्माण तकनीक (Process Node):
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28 नैनोमीटर (nm)
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डिज़ाइन और विकास:
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पूर्णतः भारत में
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RISC-V आर्किटेक्चर का महत्व
ध्रुव-64 को RISC-V आर्किटेक्चर पर आधारित बनाया गया है। RISC-V एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर है, जो आज पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
RISC-V के लाभ
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लाइसेंस-फ्री
ARM और x86 जैसे आर्किटेक्चर के लिए भारी लाइसेंस फीस देनी पड़ती है, जबकि RISC-V पूरी तरह मुफ्त है। -
कस्टमाइज़ेशन की सुविधा
देश अपनी जरूरत के अनुसार प्रोसेसर को डिज़ाइन कर सकता है। -
सुरक्षा और पारदर्शिता
ओपन-सोर्स होने के कारण किसी भी तरह के छिपे हुए बैकडोर की संभावना कम होती है। -
स्थानीय इनोवेशन को बढ़ावा
स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थान नए प्रयोग कर सकते हैं।
28nm तकनीक का महत्व
आज के हाई-एंड प्रोसेसर 5nm या 7nm तकनीक पर बनते हैं, लेकिन ध्रुव-64 28nm तकनीक पर आधारित है।
यह कोई कमजोरी नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक निर्णय है क्योंकि:
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28nm तकनीक ज्यादा स्थिर और भरोसेमंद है
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इंडस्ट्रियल और एम्बेडेड सिस्टम्स के लिए यह पूरी तरह उपयुक्त है
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इससे लागत कम होती है
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शुरुआती स्वदेशी विकास के लिए यह एक मजबूत आधार प्रदान करती है
ध्रुव-64 का विकास: एक राष्ट्रीय प्रयास
ध्रुव-64 का विकास केवल एक प्रोसेसर बनाना नहीं था, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मिशन था। इसके अंतर्गत:
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प्रोसेसर आर्किटेक्चर डिज़ाइन
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हार्डवेयर लॉजिक
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सिस्टम सॉफ्टवेयर
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कंपाइलर और टूलचेन
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टेस्टिंग और वैलिडेशन
सभी कार्य भारत में ही किए गए। इससे देश में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन की क्षमता का विकास हुआ।
ध्रुव-64 का उपयोग क्षेत्र
ध्रुव-64 को आम मोबाइल फोन या लैपटॉप के लिए नहीं बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य रणनीतिक और औद्योगिक उपयोग है।
मुख्य उपयोग क्षेत्र
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5G और टेलीकॉम सिस्टम
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ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स
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औद्योगिक ऑटोमेशन
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इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
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स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा प्रबंधन
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रक्षा और सामरिक प्रणालियाँ
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रेलवे और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
इन क्षेत्रों में विश्वसनीयता और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है, जहाँ स्वदेशी प्रोसेसर बहुत उपयोगी साबित होते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका
विदेशी प्रोसेसर पर निर्भरता का मतलब है —
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सप्लाई चेन का जोखिम
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सुरक्षा से जुड़ी आशंकाएँ
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रणनीतिक स्वतंत्रता की कमी
ध्रुव-64 भारत को रणनीतिक स्वायत्तता प्रदान करता है। रक्षा, अंतरिक्ष और सरकारी प्रणालियों में स्वदेशी प्रोसेसर का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करता है।
भारत के अन्य स्वदेशी प्रोसेसर प्रोजेक्ट
ध्रुव-64 भारत के प्रोसेसर विकास की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे पहले और साथ-साथ कई अन्य प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं:
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SHAKTI – IIT मद्रास
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AJIT – IIT बॉम्बे
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VIKRAM – ISRO
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THEJAS64 – C-DAC
भविष्य में Dhanush और Dhanush+ जैसे और उन्नत प्रोसेसर विकसित करने की योजना है।
आत्मनिर्भर भारत और ध्रुव-64
ध्रुव-64 आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह दिखाता है कि भारत केवल सॉफ्टवेयर ही नहीं, बल्कि हार्डवेयर और चिप डिजाइन में भी सक्षम है।
इसके लाभ:
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विदेशी आयात पर निर्भरता कम
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देश में रोजगार के अवसर
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तकनीकी कौशल का विकास
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स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा
भविष्य की संभावनाएँ
ध्रुव-64 केवल एक शुरुआत है। आने वाले समय में:
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अधिक तेज़ प्रोसेसर
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कम नैनोमीटर तकनीक
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AI और ML आधारित चिप्स
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स्वदेशी सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन
भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे।
निष्कर्ष
ध्रुव-64 (DHRUV64) भारत के तकनीकी इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह केवल एक प्रोसेसर नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और नवाचार क्षमता का प्रतीक है।
जिस प्रकार ध्रुव तारा सदैव दिशा दिखाता है, उसी प्रकार ध्रुव-64 भारत को सेमीकंडक्टर और उच्च तकनीक के क्षेत्र में सही दिशा दिखाएगा। आने वाले वर्षों में यह प्रोसेसर भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर तकनीकी राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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