“Computer is an electronic device which convert data into meaningful information”Note – ( Computer is a combination of hardware and software )
कम्प्यूटर
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कम्प्यूटर |
कंप्यूटर – एक विद्युतीय यन्त्र है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
”कंप्यूटर विद्युत से चलने वाला एक ऐसा यंत्र है जो गणनाओ से सम्बंधित कार्य को पुरा करता है ”
कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन होता है
कम्प्यूटर के जनक
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चार्ल्स बैबेज द्वारा निर्मित एनालिटिकल इंजन (1837 ) |
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चार्ल्स बैबेज |
चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का पिता”(फादर ऑफ कम्प्यूटर ) माना जाता है। क्यों आधुनिक कम्प्यूटर एनालिटिकल इंजन के कार्य प्रणाली पर ही आधारित है चार्ल्स बैबेज ने सबसे पहले सन 1822 में Difference इंजन बनाया था जिसमे बदलाव करके एक त्रुटि रहित यन्त्र का निर्माण किया जिसे एनालिटिकल इंजन कहा जाता है चार्ल्स बैबेज के बेटे का नाम हेनरी बैबेज जो अपने पिता चार्ल्स बैबेज के मृत्यु के बाद भी एनालिटिकल इंजन को नया रूप देने कार्यरत रहे अंततः सन 1910 में उन्होंने एनालिटिकल इंजन का एक नया मॉडल पेस किया जिसे एनालिटिकल -2 के नाम से भी जाना जाता है यह पहले के अपेक्षा छोटा हो गया तथा सूचनाओं को संग्रहित (लगभग 1,000 अंको को ) करने में सक्षम था
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हेनरी बैबेज द्वारा प्रदर्शित एनालिटिकल इंजन (1910 ) |
जन्म - 26 दिसम्बर 1791 (लंदन, इंग्लैंड)
मृत्यु - 18 अक्टूबर 1871 (उम्र 79)(मार्लीबोन, लंदन, इंग्लैंड)
चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए याद किये जाते है।
Full form of computer
कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के 8 अक्षरों से मिल कर बना है जिनका निम्नलिखित अर्थ होता है
- C – common – सामान्य
- O – operated – चलाना
- M – Machine – यंत्र
- P – Particularly – विशेष
- U – used For –प्रयोग के लिये
- T – Technical – तकनीकी
- E – Education – शिक्षा
- R – Research – खोज
कम्प्यूटर का उपयोग
कंप्यूटर का उपयोग प्रत्येक स्थानों पर किसी कार्य को त्रुटि रहित और तेजी से करने के लिए किया जाता है जैसे -गणना करना, वित्तीय हिसाब रखना, इंटरनेट बैंकिंग ,ग्राफ़िक डिजाइनिंग,वेब डिजाइनिंग एकाउंटिंग इत्यादि कंप्यूटर के प्रयोग स्थल निम्न है
- Bank
- Office
- School /skul
- Shop
- Home
- Institution
कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति
कंप्यूटर शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष 1613 में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट की पुस्तक ‘”द यंग मैन ग्लीनिंग्स”‘ में पाया गया। जिसमे एक वाक्य “मैंने समय के सबसे सही कम्प्यूटरों को और धरा पे जन्मे सर्वोत्तम अंक गणितज्ञ को पढ़ा है। ” यह उस व्यक्ति के बारे में बताता है जो गणनाएँ (computations) करता था, तभी से यह शब्द २०वी शताब्दी के मध्य तक इस सन्दर्भ में प्रयोग होता आ रहा है।
संगणक व अभिकलित्र नाम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किये गए हैं।
कंप्यूटर का इतिहास
” कंप्यूटर के इतिहास के चरण को विभिन्न वर्गों में विभक्त किया गया है कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 (तीन हजार ) वर्ष पुराना माना जाता है |
(Abacus)गिनतारा
(Abacus)गिनतारा
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अबेकस |
(Abacus) एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। गिनतारा तारो में पिरोया हुआ अलग अलग गोटियों का एक आयतकार यंत्र होता है जिसके प्रत्येक गोटियों का अलग अलग मान रख कर जोड़ घटना किया जाता था
नोट - कंप्यूटर के कुछ निम्नलिखितचरण
- 1642 ई.: फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल ने जोड़ने व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया।
- 1801 ई.: फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जैकार्ड ने लूम (करघे) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया। उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की, जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन (weaving operation) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया।
- 1833-71 ई.: ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज ने जैकार्ड पंच-कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए ‘एनालिटिकल इंजन’ का निर्माण किया। इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है। बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया।
- 1941 ई.: जर्मन इंजीनियर Konard Zuse ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिजिटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता था। Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था। यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें रिले कहा जाता था।
- 1942 ई.: आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफोर्ड बेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था। इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था। यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था।
- 1944 ई.: आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवॢसटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर ‘मार्क-1’ का निर्माण किया। यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी।
- 1946 ई.: अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे. प्रेस्पर इकेर्ट ने ENIAC (Electronic Numerical Integrated and Computer ) का निर्माण किया। इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 वैक्यूम ट्यूब लगे थे। इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग-अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी।
- 1951 ई.: इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर ‘यूनिवेक’ (UNIVAC) का निर्माण किया (सं.रा. अमेरिका)।
- 1976 ई.: पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम ‘इलेक्ट्रिक पेंसिल’ का निर्माण।
- 1977 ई.: एप्पल ने ‘एप्पल-II’ को बाजार में उतारा, जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो गया।
- 1990 ई.: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वजऱ्न ‘विंडोज़ 3.0’ बाजार में उतारा।
- 1996 ई.: हाथ में पकड़ने योग्य कम्प्यूटर ‘पाम पाइलट’ को बाजार में उतारा गया।
- 2002 ई.: कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गार्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वर्तमान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब पहुँची। तथा वर्तमान समय के कंप्यूटर लगभग मनुष्य के सामान होंगे Robot इसका मुख्य उदहारण है
Types of computer (कंप्यूटर के प्रकार)
Computer को दो आधारों पर वर्गीकृत किया गया हैं
- कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)
- आकार के आधार पर (Based on Size)
1- कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)
कंप्यूटर के कार्य प्रणाली के आधार पर कम्प्यूटर को तीन भागो में विभक्त किया गया है
- Analog Computer
- Digital Computer
- Hybrid Computer
Analog Computer
Analog Computer वे Computer होते है जो भौतिक मात्राओ, जैसे- दाब (Pressure), तापमान (Temperature), लम्बाई (Length), ऊचाई (Height) आदि को मापकर उनके परिमाप अंको में व्यक्त करते है ये Computer किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते है
Example-
- थर्मामीटर
- Rain Guess
- old telephone
- Speedometer
- seismograph
- Polygraph
Digital computer
“वे कंप्यूटर जो अंको की गड़ना करके उनका परिणाम बताते है digital computer कहलाते है “
Example
- Laptop
- Desktop
- Mobile phone
- Palmtop
Hybrid computer
हाइब्रिड कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जो एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं। hybrid computer का प्रयोग सर्वाधिक चिकित्सा क्षेत्र में किया जाता है
Example
- Dialysis machine ( for blood clothing)
- Ultrasound machine
- CT scan machine
2- आकार के आधार पर (Based on size )
आकार के आधार पर कंप्यूटर को चार वर्गो में विभाजित किया गया है
- Micro computer
- Mini computer
- Mainframe computer
- Super computer
Micro computer
माइक्रो कंप्यूटर शब्द माइक्रोप्रोसेसर से संबंधित है जो डेटा और निर्देश कोड को संसाधित करने के उद्देश्य से एक व्यक्तिगत कंप्यूटर के साथ प्रयोग किया जाता है। ये सबसे आम कंप्यूटर प्रकार हैं क्योंकि वे बहुत महंगे नहीं होते है
Micro computer को p c के नाम से भी जाना जाता है माइक्रो कंप्यूटर के निम्नलिखित उदाहरण है
- Desktop
- Laptop
- Mobile phone
- Palm top
Mini computer
मिनी कंप्यूटर मध्य आकार के कंप्यूटर हैं। आकार और शक्ति के संदर्भ में, मिनी कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर से उच्च स्थान दिया गया है।
मिनीकंप्यूटर एक बहुसंकेतन प्रणाली है जो एक साथ 4 से लगभग 200 उपयोगकर्ताओं को समर्थन देने में सक्षम है। मिनिकॉम्प्यूटर शब्द का उपयोग कम हो गया है और उनका सर्वर में विलय हो गया है।
Example
- DEC PDP and VAX series.
- Data General Nova.
- IBM midrange computers.
- Hewlett-Packard HP 3000 series and HP 2100 series.
3 – Mainframe computer
ये बड़े और महंगे कंप्यूटर प्रकार हैं जो सैकड़ों, या हजारों लोगों को एक साथ समर्थन करने में सक्षम हैं। इन कम्प्यूटरों उपयोग ज्यादातर सरकारी और बड़े संगठनों द्वारा डेटा प्रोसेसिंग, महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों, लेनदेन प्रसंस्करण, जनगणना, उद्योग और उपभोक्ता आंकड़ों के लिए किया जाता है।
इन कंप्यूटरों को मिनी तथा मेनफ़्रेम कंप्यूटर से सर्वेष्ट माना जाता है
Example
- IBM z Systems z13.
- IBM LinuxONE Rockhopper.
- z9 mainframe.
- z9 mainframe.
- An IBM 704 mainframe (1964)
4 – Super computer
सुपर कंप्यूटर एक सामान्य-उद्देश्य वाले कंप्यूटर की तुलना में उच्च स्तर के प्रदर्शन वाला कंप्यूटर है। सुपरकंप्यूटर का प्रदर्शन सामान्यतः(FLOPS) “फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन्स प्रति सेकंड” के बजाय(MIPS) मिलियन निर्देश प्रति सेकंड में मापा जाता है। सुपर कंप्यूटर सौ से अधिक क्वाड्रिलियन FLOPS प्रदर्शन कर सकते हैं। नवंबर 2017 से, दुनिया के सभी सबसे तेज़ 500 सुपर कंप्यूटर लिनक्स-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम चलाते हैं। अतिरिक्त शोध चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, ताइवान और जापान में और भी अधिक शक्तिशाली और तकनीकी रूप से बेहतर सुपर कंप्यूटर बनाने के लिए किया जा रहा है।
सुपर कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटेशनल रूप से गहन कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमें क्वांटम यांत्रिकी, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, तेल और गैस की खोज, आणविक मॉडलिंग (संरचनाओं और गुणों की गणना) शामिल हैं। ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों के सिमुलेशन, हवाई जहाज और अंतरिक्ष यान एरोडायनामिक्स, परमाणु हथियारों का विस्फोट, और परमाणु संलयन के लिए भी सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है सुपर कंप्यूटर 1960 के दशक में पेश किए गय थे लेकिन एक उल्लेखनीय उदाहरण 1976 का अत्यधिक सफल क्रे -1 है। इस कंप्यूटर को cray Research company द्वारा बनाया गया था तथा इसी comapany के नाम पर ही इसका नाम cray -1 रखा गया
Example
- JAGUAR, Oak Ridge National Laboratory.
- NEBULAE, China
- Cray -1
- Cray-2
- PARAM 8000 (1991)
- PARAM 10000 in (1998)
- Pratyush
- Mihir
- Sunway TaihuLus ( fastest computer of world ) china
Generation of computer (कंप्यूटर की पीढ़ी)
कंप्यूटर के विकास का इतिहास अलग अलग पीढ़ी दर पीढ़ी कंप्यूटिंग उपकरणों के संदर्भ में है। यह यात्रा वैक्यूम ट्यूबों के साथ 1940 में शुरू हुई और तब से चली आ रही है। । computer generation को पाँच भागो में विभाजित किया गया है
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य)
1- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात नली (vacuum tube) का प्रयोग परिपथ बनाने में किया जाता था और मेमोरी के लिय चुम्बकीय ड्रम प्रयोग में लाते थे | निर्वात नली के प्रयोग की वजह से इन कंप्यूटर से बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी जो इन कंप्यूटर की बहुत बड़ी समस्या थी |
ये कंप्यूटर निम्न स्तरीय भाषा को समझ पाते थे इसलिए इनको को भी कार्य बताने के लिए बाइनरी भाषा काम में ली जाती थी , जो काम में लेने के लिए बहुत मुश्किल थी | क्योकि बाइनरी भाषा में समस्त निर्देश ० और १ के प्रयोग से लिखे जाते हैं जिनमे गलतियों को पहचानना बेहद मुश्किल कार्य होता था | ये कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे | इनपुट व आउटपुट के लिए पंच कार्ड पर प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था |
UNIVAC और ENIAC प्रथम पीढ़ी के उदाहरण हैं
2 – दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)
ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज़ होते थे और इनमे निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर प्रयोग में लाया जाता था | इस ट्रांजिस्टर का आविष्कार 12 sep 1958 में हुआ, इसके प्रयोग के पश्चात कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज़ हो गयी परन्तु ये कंप्यूटर भी ऊष्मा उत्सर्जित करते थे |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में भी इनपुट देने के लिए पंच कार्ड और आउटपुट प्राप्त करने के लिए प्रिंट आउट का ही प्रयोग किया जाता था | लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी भाषा की जगह असेंबली भाषा प्रयोग में लायी जाने लगी | असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में काम में लिया जाता है |
COBOL और FORTRAN भाषाओ के प्रारम्भिक वर्जन का प्रयोग इसी समय किया जाने लगा, जो की उच्च स्तरीय भाषा के उदहारण है |
3 – तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
इस पीढ़ी में इनपुट देने के लिए कीबोर्ड और आउटपुट के लिए मोनीटर का प्रयोग किया जाने लगा, और सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इस पीढ़ी में किया गया, जो की एक CUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम था | तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई. सी. का प्रयोग किया जाने लगा | आई. सी. का अविष्कार 1958 में जैक किल्बी द्वारा किया गया |
आई. सी. के प्रयोग से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा और पहले से तेज़ हो गये | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया जाने लगा और ये कंप्यूटर एक समय में एक से ज्यादा कार्य करने में सक्षम थे |
CUI- Character User Interface
4 – चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत माइक्रोप्रोसेसर से हुई , जो की सिलिकोन से बनी एक चिप होती थी जिस पर हजारो आई.सी. एक साथ लगी होती है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI (GraInterfacephical User )आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जो की काम में लेने के लिए बहुत आसान था | Ex.- WINDOW xp,7,8,10
इस पीढ़ी में ही माउस का प्रयोग शुरू हुआ और प्रोग्राम लिखने के लिए कुछ उच्च स्तरीय भाषाओ को विकसित किया गया जैसे- C और C++ |
Note –
- Intel कंपनी ने सर्वप्रथम 1971 में माइक्रोप्रोसेसर चिप का प्रयोग किया और उसे Intel-4004 नाम दिया |
- 1981 में IBM ने होम यूजर के लिए पहला कंप्यूटर बनाया |
- 1984 में APPLE कंपनी ने Macintosh- Operation System बनाया |
- IBM- International Business Machine
5 – पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य)
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ए.आई. के साथ विकसित हुई, ए.आई. से तात्पर्य है की एक मशीन जो मानवीय गुणों को समझ सके|
ये पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल उपकरणों में काम लेते है जैसे- फिंगर प्रिंट , रोबोट , आवाज द्वारा इनपुट देना आदि |
इस पीढ़ी का मुख्य उद्देश्य ऐसी मशीन का निर्माण करना है जो यूजर की भाषा को समझ सके और उसका जवाब दे सके और साथ ही वो मशीन सिखने में सक्षम हो |
Computer’s Devices (कंप्यूटर के उपकरण)
एक कम्प्यूटर का निर्माण चार अलग अलग यंत्रो को जोड़ कर किया जाता है ये यंत्र कंप्यूटर को कार्य करने में सहायता प्रदान करते है computer device चार प्रकार के होते है
- Inpute device
- Processing device
- Output device
- Data storage device
1.- Input Device
कंप्यूटर के वे यंत्र जिनकी सहायता से user सूचनाओ को कंप्यूटर तक भेजता है , input device कहलाते है
- Mouse
- Keyboard
- Lighten
- MICR( Magnetic ink character reader)
- OCR ( optical character reader)
- OMR ( optical mark reader)
- Qr-code Reader
- SCR ( smart card reader)
Mouse , keyboard कंप्यूटर का मुख्य इनपुट device है
2.- Processing device
Computer के वे यंत्र जो input किये गए सूचनाओ का गणना करके उसे परिणाम में बदलते है ,processing device कहलाता है
3.- Output Device
Computer के वे device जो input तथा processing किये गए सूचनाओ को प्रदर्शित करते है ,output device कहलाते है
- Monitor
- Printer
- Platter
- Speaker
Monitor कंप्यूटर का मुख्य output device है
4.- Data storage device
कंप्यूटर के वे डिवाइस जो सूचनाओ को संग्रहित करके सुरक्षित रखता है डेटा स्टोरेज डिवाइस कहलाता है
Example –
- HDD (Hard disk Drive)
- DVD ( Digital versatile Disk)
- CD ( compact disk )
- PD (pan Drive )
- Memory sticks
कम्प्यूटर मेमोरी के प्रकार
कम्प्यूटर में मेमोरी का कार्य सूचनाओ को एकगृत करना होता है computer memory को दो भागों में विभाजित किया गया है
- Primery / Internal memory
- Secondry /External memory
1.- Primery /Internal Memory
Primery memory को कम्प्यूटर की मुख्य memory के नाम से जाना जाता है ,यह memory mother board में लगे होने के कारण इसे Internal मेमरी के नाम से भी जाना जाता है primery memory दो प्रकार के होते है
- Ram (Random Access Memory)
- Rom (Read Only Memory)
i.- Ram (Random Access Memory)
RAM या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temprery Memory) होती हैं| की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है
कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (Store) डाटा मिट जाता हैं| इसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है Ram को दो भागो में बांटा गया है
1- Dynamic RAM
2- Static RAM
2- Static RAM
ii.-Rom ( Read Only Memory)
रीड ओनली मेमोरी में रखीं गयी सूचना को केवल पढ़ा जा सकता है। इस मेमोरी में न तो कुछ लिखा जा सकता है न ही लिखी गई सूचना को बदला जा सकता है। यह स्थाई मेमोरी होती है। कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें स्टोर डाटा नष्ट नहीं होता है। इस मेमोरी में कंप्यूटर निर्माण के समय ही सूचनाएं संगृहीत कर दी जाती है।
कंप्यूटर को ऑन करते ही ROM में स्टोर प्रोग्राम स्वतः ही क्रियान्वित हो जाते है। ये प्रोग्राम कंप्यूटर के सभी उपकरणों की जांच कर उन्हें सक्रिय अवस्था में लाते है। रोम में स्टोर प्रोग्राम को BIOS(Basic Input Output System ) कहा जाता है।
- PROM (Programmable Read Only Memory)
- EPROM( Erasable Programmable Read Only Memory)
- EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)
2.- Secondary /External memory
इस मेमोरी में स्टोर सूचना कंप्यूटर के बंद होने के बाद नष्ट नहीं होता है यह डाटा को स्थाई रूप से स्टोर करता है इसलिए इसे स्थाई मेमोरी भी कहते है। सेकेंडरी मेमोरी में डाटा स्टोरेज क्षमता प्राथमिक मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक होता है। सेकेंडरी मेमोरी कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार की होती है।
- HDD (Hard disk drive)
- Pd (pan Drive)
- USB ( Universal aerial Bus )
- SSD ( Solid State Disk )
- CD ( Compact Disk )
- DVD ( Digital Video Disk )
- Memory stick
Computer memory की इकाईयाँ
Software – ”software is a set of program which complete a specific task ”
सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे गए नियमो तथा निर्देशो का समूह होता है जो कंप्यूटर प्रणाली को नियंत्रित करता है कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं
- सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software)
- एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software)
- यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software)
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो कंप्यूटर के हार्डवेयर को Manage और Control करते हैं और इन्हीं की वजह से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) कंप्यूटर में चल पाते हैं या हम उस पर कार्य कर पाते हैं सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) का निम्नलिखित उदाहरण है
- UNIX
- LINUX
- WINDOWS xp
- Windows 7
- Windows 8
- Windows 8.1
- Windows 10
2. Application software
एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर पर आधारित मुख्य कार्यो को करने के लिए लिखे जाते हैं ।aplication software सिस्टम सॉफ्टवेयर के निर्देशानुसार कार्य करते है तथा इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग ग्राफिक प्रेजेंटेशन , वीडियो ऑडिटिंग, डेटा एंट्री इत्यादि कार्यो को करने के लिए किया जाता है application software के निम्नलिखित उदाहरण है
- PHOTOSHP
- COREL DRAW
- MS WORD
- MS POWER POINT
- MS EXCEL
- MS ACCESS
- CHROME BROWSER
- VLC MEDIA PLAYER
- MOZILA FIREFOX
- SAFARI
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) का काम कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम की सर्विस/ रिपेयर करने का काम होता है तथा यह ऑपरेटिंग सिस्टम केे माध्यम से यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) कुछ हार्डवेयर की सर्विस करने का काम भी करते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता और गति को बढाया जा सके, इसमें से बहुत कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) ऑपरेंटिंग सिस्टम के साथ आते है और कुछ को अलग से कंप्यूटर में instal करना पड़ता है
- Disk Difragement
- Disk cleanup
- Disk checkup
- Antivirus
Hardware (हार्डवेयर)
Computer के वे सभी भौतिक भाग जिसको देख तथा छू कर महसूस किया जा सकता है , हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के निर्देशानुसार ही कार्य करते है
- Minitor
- CPU
- Keyboard
- Mouse
Window operating system
विंडोज ( windows ) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम की एक श्रृंखला है। विंडोज के प्रत्येक संस्करण में एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस शामिल होता है, जिसमें एक डेस्कटॉप होता है जो उपयोगकर्ताओं को विंडोज़ में फ़ाइलों और फ़ोल्डरों को देखने की अनुमति देता है। पिछले दो दशकों से, विंडोज व्यक्तिगत कंप्यूटर पीसी के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है
Microsoft क्या है
माइक्रोसॉफ्ट, विश्व की एक जानी मानी बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो मुख्यत: संगणक अभियान्त्रिकी (computer Technology) के क्षेत्र में काम करती है। माईक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी है। 100 से भी अधिक देशों में फैली इसकी शाखाओं में 70000 से भी अधिक लोग काम करते हैं। इसका वार्षिक व्यापार लगभग 20 खरब रूपयों ( 45 बिलियन डॉलर्स) का है। कम्पनी का मुख्यालय अमेरिका में रेडमण्ड, वॉशिंगटन में स्थित है। इसकी स्थापना बिल गेट्स ने 4 अप्रैल 1975 को की थी। इसका मुख्य उत्पाद विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अलावा माईक्रोसॉफ्ट नाना प्रकार के सॉफ्टवेयर भी बनाती है।
Computer Monitor क्या है
कंप्यूटर मॉनिटर कम्यूटर का मुख्य आउटपुट डिवाइस है जो कम्पुटर सिस्टम में किये जा रहे सभी प्रकार के गतिविधिओ को प्रदर्शित करने का कार्य करता है इसे Visual Display unit (vdu ) के नाम से भी जाना जाता है कंप्यूटर मॉनिटर के निम्न लिखित प्रकार है
नोट- सबसे पहले (CRT ) Cathode Ray Tube मॉनिटर का अविष्कार Karl Fardinand Braun ने सन 1897 में किया था
- CRT ( Cathode Ray Tube ) Monitor
- Flat Panel Monitor
- LCD ( Liquid Crystal Display ) Monitor
- LED ( Light Emitting Diode ) Monitor
Keyboard क्या है
कीबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य इनपुट डिवाइस है जो यूजर के सूचनाओं को कंप्यूटर तक टाइपिंग के द्वारा भेजने में सहायता करता है एक कीबोर्ड में लगभग 104 से 106 key होते है| कीबोर्ड के कुंजियों के निम्नलिखित प्रकार है
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- Alphanumeric key
- Numeric key
- Function key
- Modifier key
- Cursor Key
- Special Key
- Alphanumeric key -Alphanumeric Keys की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होती हैं| Alphanumeric Keys में Alphabets (A-Z), Number (0-9), Symbol (@, #, $, %, ^, *, &, +, !, = ), होते हैं| इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होती हैं|
- Numeric Key - न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad) में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं| जिनमे 0-9 तक के अंक, गणितीय ऑपरेटर (Mathematic operators) जैसे- +, -. *, / तथा Enter key होती हैं |
- Function Key -की-बोर्ड के सबसे ऊपर संभवतः ये 12 फंक्शन कुंजियाँ होती हैं| जो F1, F2……..F12 तक होती हैं| ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं| इन Keys के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप बदलते रहते हैं|
- Modifier Key - इसमें तीन कुंजियाँ होती हैं, जिनके नाम SHIFT, ALT, CTRL हैं| इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता हैं, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता हैं तो ये उन कुंजियो के इनपुट को बदल देती हैं| इसलिए ये मॉडिफायर कुंजी कहलाती हैं|
- cursor Key - ये चार प्रकार की Keys होती हैं UP, DOWN, LEFT तथा RIGHT | इनका प्रयोग कर्सर को स्क्रीन पर मूव कराने के लिए किया जाता है|
- Special Key - ये कुंजियाँ कुछ विशेष कार्यों को करने के लिये प्रयोग की जाती है| जैसे- Sleep, Power, Volume, Start, Shortcut, Esc, Tab, Insert, Home, End, Delete, इत्यादि| ये कुंजियाँ नये ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं|
Printer क्या है
प्रिंटर कम्प्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है जो सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी के रूप में परिवर्तित करता है अर्थात यह एक ऐसा यंत्र है जो हमें की डिजिटल सूचनाओं को किसी object पर छाप कर देता है
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Modern Printer |
कंप्यूटर सिस्टम में प्रयोग होने वाले प्रिंटर को दो भागो में विभक्त किया है गया है
- इम्पैक्ट प्रिंटर ( Impact Printer ) - Dot Matrix printer , Line printer
- नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर ( Non Impact Printer ) - Lager printer , Inkjet Printer ,Thermal Printer , Plotter , etc