मोहेंजोदड़ो: सिंधु घाटी सभ्यता का रहस्यमयी शहर

मोहेंजोदड़ो, जिसे “मृतकों का टीला” भी कहा जाता है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख नगर था। यह वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है और लगभग सन् 2500 ई.पू. में विकसित हुआ था। मोहेंजोदड़ो ने प्राचीन विश्व को शहरी नियोजन और तकनीकी विकास में अविश्वसनीय योगदान दिया। 

Great Bath of Mohan Jodaro
Great Bath

मोहेन्जोदड़ो का इतिहास

मोहेंजोदड़ो का निर्माण सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हुआ था। यह नगर उन्नत जल निकासी प्रणाली, चौड़ी सड़कों और जटिल भवन संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध था।

  • यह शहर लगभग 40 हेक्टेयर में फैला था।

  • यहाँ संगमरमर, ईंट और मिट्टी से बने घर पाए गए।

  • लोग कृषि, व्यापार और शिल्प कला में निपुण थे।

मोहेंजोदड़ो की प्रमुख विशेषताएँ

  1. शहरी नियोजन:

    • चौड़ी सड़कें और ग्रिड पैटर्न।

    • जल निकासी और नालियों का व्यवस्थित जाल।

  2. महल और भवन:

    • “ग्रेट बाथ” नामक विशाल स्नानागार।

    • संगमरमर और ईंट के निर्मित घर।

  3. सांस्कृतिक जीवन:

    • मिट्टी के बर्तन, मोती और सीलें।

    • व्यापारिक लेन-देन और हस्तशिल्प।

मोहेन्जोदड़ो का महत्व

मोहेंजोदड़ो यह दिखाता है कि प्राचीन सभ्यताएँ कितनी उन्नत थीं।

  • यह शहरी नियोजन और वास्तुकला का उदाहरण है।

  • इसने प्राचीन व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को समझने में मदद की।



सम्बंधित तस्वीरे 

मोहाजोदारो एक जालक कंप्यूटर आधारित तस्वीरे 

 

सांस्कृतिक जीवन


निष्कर्ष

मोहेंजोदड़ो केवल एक प्राचीन शहर नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की प्रगति और ज्ञान का प्रतीक है। इसकी खोज ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों को सिंधु घाटी सभ्यता की गहराई से परिचित कराया।

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