भारत : एक प्राचीन सभ्यता से आधुनिक राष्ट्र तक (BY-ANISH CHAURASIYA)

 

प्रस्तावना

भारत, जिसे इंडिया या हिंदुस्तान भी कहा जाता है, विश्व की सबसे प्राचीन और निरंतर जीवित सभ्यताओं में से एक है। यह देश न केवल भौगोलिक दृष्टि से विशाल है, बल्कि सांस्कृतिक, भाषाई, धार्मिक और ऐतिहासिक विविधताओं से भी परिपूर्ण है। भारत की पहचान उसकी प्राचीन परंपराओं, दर्शन, विज्ञान, कला, साहित्य और आधुनिक लोकतांत्रिक मूल्यों के अनूठे संगम से बनी है। “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना भारत की आत्मा में रची-बसी है, जो समूचे विश्व को एक परिवार मानती है।



भारत का भूगोल

भारत दक्षिण एशिया में स्थित है और क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। इसके उत्तर में हिमालय पर्वतमाला प्राकृतिक सुरक्षा कवच का कार्य करती है, जबकि दक्षिण में हिंद महासागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर इसकी सीमाएँ निर्धारित करते हैं। भारत की भौगोलिक विविधता अद्वितीय है—हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, गंगा-ब्रह्मपुत्र के उपजाऊ मैदान, थार का मरुस्थल, दक्कन का पठार, पश्चिमी और पूर्वी घाट की पर्वतमालाएँ तथा विस्तृत समुद्री तट। यह विविधता कृषि, जलवायु और जीवन-शैली को भी प्रभावित करती है।

प्राचीन भारत और सभ्यताओं का विकास

भारत का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) विश्व की प्राचीनतम शहरी सभ्यताओं में से एक थी, जिसने उन्नत नगर-योजना, जल निकासी प्रणाली और व्यापारिक नेटवर्क विकसित किए। इसके बाद वैदिक काल आया, जिसमें वेदों की रचना हुई और सामाजिक-धार्मिक संरचना का विकास हुआ।

महाजनपद काल में मगध, कोशल, अवंती जैसे शक्तिशाली राज्यों का उदय हुआ। मौर्य साम्राज्य (चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक) ने भारत को राजनीतिक रूप से एकीकृत किया। अशोक ने धम्म और अहिंसा का संदेश फैलाया। गुप्त काल को भारत का “स्वर्ण युग” कहा जाता है, जब विज्ञान, गणित, खगोलशास्त्र, कला और साहित्य में अभूतपूर्व प्रगति हुई।

मध्यकालीन भारत

मध्यकाल में भारत में विभिन्न राजवंशों का शासन रहा—राजपूत, चोल, चालुक्य, पल्लव आदि। दक्षिण भारत में मंदिर स्थापत्य और समुद्री व्यापार फला-फूला। दिल्ली सल्तनत और मुग़ल साम्राज्य के काल में प्रशासनिक सुधार, स्थापत्य (ताजमहल), चित्रकला और साहित्य का विकास हुआ। अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और प्रशासनिक नीतियाँ उल्लेखनीय हैं।

औपनिवेशिक काल और स्वतंत्रता संग्राम

18वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन आ गया। अंग्रेज़ों की नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को गहराई से प्रभावित किया। इसके विरुद्ध भारत में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ—1857 का विद्रोह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन इसके प्रमुख चरण थे।

महात्मा गांधी के सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी। अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, हालांकि विभाजन की पीड़ा भी साथ आई।

स्वतंत्र भारत और संविधान

स्वतंत्रता के बाद भारत ने एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्वयं को स्थापित किया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, जो विश्व का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है। यह नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है और राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांतों के माध्यम से सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।

भारतीय लोकतंत्र और शासन व्यवस्था

भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है, जहाँ केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं। संसद द्विसदनीय है—लोकसभा और राज्यसभा। स्वतंत्र न्यायपालिका, चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाएँ लोकतंत्र की मजबूती सुनिश्चित करती हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था

स्वतंत्रता के बाद भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया। हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन बढ़ाया। 1991 के आर्थिक सुधारों ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण को गति दी। आज भारत विश्व की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, स्टार्टअप्स, सेवा क्षेत्र और विनिर्माण में भारत की उल्लेखनीय भूमिका है।

भारतीय समाज और संस्कृति

भारत की संस्कृति उसकी विविधता में एकता का प्रतीक है। यहाँ अनेक धर्म—हिंदू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन—सहअस्तित्व में हैं। भारत में सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती हैं। त्योहार—दीपावली, होली, ईद, क्रिसमस, गुरुपर्व—सामाजिक सौहार्द को दर्शाते हैं। भारतीय संगीत, नृत्य (भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी), चित्रकला और साहित्य विश्वभर में प्रशंसित हैं।

शिक्षा, विज्ञान और तकनीक

प्राचीन भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र थे। आधुनिक भारत में IIT, IIM, AIIMS जैसे संस्थान वैश्विक स्तर पर पहचान रखते हैं। इसरो की अंतरिक्ष उपलब्धियाँ—मंगलयान, चंद्रयान—भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाती हैं। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

भारत की वैश्विक भूमिका

भारत संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाता है। शांति अभियानों, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य और विकास में भारत का योगदान बढ़ रहा है। “सॉफ्ट पावर” के रूप में योग, आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति विश्वभर में लोकप्रिय हैं।

चुनौतियाँ और भविष्य

भारत को गरीबी, असमानता, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, युवा जनसंख्या, तकनीकी नवाचार और लोकतांत्रिक संस्थाएँ भारत को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाती हैं। सतत विकास, समावेशी वृद्धि और सामाजिक समरसता भारत के लक्ष्य हैं।

उपसंहार

भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ प्राचीनता और आधुनिकता का अद्भुत संगम दिखाई देता है। इसकी सभ्यता ने विश्व को ज्ञान, दर्शन और मानवता के मूल्यों की अमूल्य धरोहर दी है। विविधताओं के बावजूद एकता भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। आज भारत न केवल अपने अतीत पर गर्व करता है, बल्कि आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर अग्रसर है।

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