Tally ERP-9 / Prime में group क्या होते है और इसके क्या महत्व है / What is group in Tally erp-9 / Prime and what its Important
(1) Primary Group - प्राइमरी ग्रुप में सभी ग्रुपों की संख्या 15 है इन सभी ग्रुप को 2 भागो में विभक्त किया गया है
- DIRECT EXPENSE
- INDIRECT EXPENSE
- DIRECT INCOME
- INDIRECT INCOME
- SALE ACCOUNT
- PURCHESE ACCOUNT
1- DIRECT
EXPENSE-
वह खर्च जो किसी समान को बनाने में लगता है उसे DIRECT EXPENSE के UNDER में रखते
है |
2- INDIRECT EXPENSE – वह खर्च जो किसी समान को बेचने में लागत के रूप में लगता है उसेINDIRCT
EXPENSE के अन्तर्गत में रखते है |
3 - DIRECT INCOME – डायरेक्ट इनकम वह इनकम है जो सीधे व्यवसाय गतिविधियों के माध्यम
से अर्जित की जाती है उसे डायरेक्ट इनकम के अंतर्गत रखा जाता है |
4-INDIRECT INCOME-वह आय जो गैरव्यवसायिक गतिविधियों
के माध्यम से अर्जित किया जाता है | उसे INDIRECT इनकमकेअंतर्गत रखा जाता है |
5 - SALE ACCOUNT- जब कोई समान किसी को बेचा जाता है तो उसे सेल अकाउंट के अंतर्गत रखा जाता है|
6 - PURCHESE ACCOUNT- जब कोई समान किसी से ख़रीदा जाता है तो उसे PURCHESE अकाउंट के अंतर्गत रखा जाता है |
CAPITAL ACCOUNT
- CURRENT ESSETS
- FIXED ESSETS
- CURRENT LIABILITY
- LOAN LAIBILITES
- SUSPENSE ACCOUNT
- INVESMENTACCOUNT
- BRANCHES INDIVISAION
- MISCLAINIOUSEXPENCE
CAPITAL
ACCOUNT- जब बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए कोई व्यक्ति पैसा लगता है तो उसे CAPITAL
ACCOUNT के अंतर्गत रखते है |
CURRENT ESSETS- जब कोई सम्पति हमारे पास थोड़े समय के लिए रहता है उसे CURRENT ESSETS के अंतर्गत रखते है |
FIXED
ESSETS-
वह सम्पति जो हमारे पास अस्थायी रूप में मौजूद रहता है उसे FIXED ESSETS के अंतर्गत
में रखते है |
CURRENT
LIABILITES-
वह कर्ज जो हमारे पास थोड़े समय के लिए रहता है उसे CURRENT LAIBILITES के अंतर्गत
रखते है |
LOAN
LAIBILITES-
वह कर्ज जो हमारे पास निश्चित समय के लिए रहता है | उसे LOAN LAIBILITES के अंतर्गत
रखते है |
SUSPENSE
ACCOUNT–
जब व्यापार में यह समझ ना आये समान बेचा गया है या ख़रीदा गया है तो उसे SUSPENSE
ACCOUNT के अंतर्गत रखते है |
INVESMENT
ACCOUNT–
जब कोई पैसा लाभ कमाने केउद्देश्य से किसी कम्पनी में लगते है तो उसे INVESMENT
अकाउंट के अंतर्गत रखते है |
BRANCHESE
INDIVISION–
शाखाओं के लेन देन को BRANCHESE INDIVISION कहते है |
(2) Secondary Group - इस ग्रुप की कुल संख्या 13 है
- CASH IN HAND
- BANK ACCOUNT
- SUNDRY CREDITOR
- SUNDRY DEBITOR
- DEPOSITE
- STOCK IN HAND
- LOAN& ADVANCE
- DUITES& TEXES
- PROVISON
- SECURED LOAN
- UNSECURED LOAN
- Bank OD(over Draft ) or OCC (open Credit Cash )
1
CASH IN HAND –जब कोई पैसा हमारे पास नकद के रूप में रहता है तो उसे CASH IN HAND
के अंतर्गत रखते है
2
BANK ACCOUNT –बैंक से सम्बन्धित खाते को BANK अकाउंट के अंतर्गत रखते है |
3
SUNDRY CREDITOR–जब किसी से उधार समान लेते है तो उसेSUNDRY CREDITOR के अंतर्गत रखते
है |
4
SUNDRY DEBITOR –जब किसी को उधार समान बेचते है तो उसे SUNDRY DEBITOR के अंतर्गत
रखते है |
5
DEPOSITE–इसके
अंतर्गत वह पैसा आता है जिसको हम किसी बैंक में निश्चित समय के लिए रखते है |
6
STOCK IN HAND–जो समान हमारे पास मौजूद होता है उसे STOCK IN HAND के अंतर्गत रखते
है |
7
LOAN& ADVANCE–जब किसीको हम उधार पैसा या कर्ज देते है तो उसे LOAN & ADVANCE
के अंतर्गत रखते है |
8 DUITES& TEXES –इसकेअंतर्गत वह सभी टेक्स आते है जो सरकार द्वारा लगाया जाता है | T.A ,D.A ,V.A.T, G.S.T
9
PROVISON–जबकिसी
अशुद्ध ऋण के लिए जो पैसा पहले से इक्कठा किया जाता है उसको PROVISON के अंतर्गत
रखते है |
10
SECURED LOAN–वह
लोन जो हमें किसी बैंक से प्राप्त होता है उसे SECURED LOAN के अंतर्गत रखते है |
11 UNSECURED
LOAN–वह
पैसा जो हमें किसी व्यक्ति से प्राप्त होता है उसे
UNSECURED लोन के अंतर्गत रखते है |
12
BANK OD or OCC – जब कोई लोन किसी विशवाशपात्र व्यक्तिको लिमिट से ज्यादा पैसा देता
है तो उसे BANK OD or OCC के अंतर्गत रखते है |
13RESURVE
& SURPLUS–ये ग्रुप capital अकाउंट के UNDER में आता है अर्थात् जब हमारी पूँजी
कम हो जाती है तो दोबारा पूँजी लगते है तो उसे RESURVE& SURPLUS के अंतर्गत
रखते है |