बिहार (Part 3): भाषा और साहित्य

बिहार की भाषा और साहित्य इसकी संस्कृति और पहचान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यहाँ की भाषाएँ, बोलियाँ और साहित्य न केवल रोज़मर्रा की बातचीत में काम आती हैं, बल्कि समाज और राजनीति पर भी असर डालती हैं।


1. बिहार की प्रमुख भाषाएँ

बिहार में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. हिंदी

    • बिहार की राजभाषा है।

    • सरकारी कामकाज, स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई में प्रयोग होती है।

    • हिंदी साहित्य और कविता बिहार में बहुत लोकप्रिय है।

  2. मिथिली

    • मिथिला क्षेत्र (दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर आदि) की प्रमुख भाषा।

    • इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है।

    • मैथिली साहित्य, लोकगीत और मैथिली नाटक यहाँ की पहचान हैं।

  3. भोजपुरी

    • बिहार के पश्चिमी हिस्से में बोली जाती है।

    • इसका फिल्म और गाना उद्योग भी है।

    • भोजपुरी साहित्य और गीत विश्वभर में भारतीय प्रवासियों के बीच लोकप्रिय हैं।

  4. मगही और बज्जिका

    • मगध क्षेत्र की भाषा मगही, और मिथिला के कुछ हिस्सों में बज्जिका बोली जाती है।

    • ये भाषाएँ आज भी लोककला और लोकगीत में जीवित हैं।

नोट: बिहार की स्थानीय भाषाएँ आज भी परिवार और गाँवों में अधिक बोली जाती हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में हिंदी का प्रभुत्व है।


2. बिहार का साहित्यिक योगदान

बिहार का साहित्य प्राचीन काल से आधुनिक काल तक विस्तृत रहा है।

  1. प्राचीन साहित्य

    • गुरुत्वाकर्षण : बौद्ध और जैन ग्रंथ यहाँ की ऐतिहासिक पहचान हैं।

    • नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने साहित्य और शिक्षा को विश्व स्तर तक पहुँचाया।

    • बौद्ध धर्म से जुड़े ग्रंथ जैसे त्रिपिटक यहाँ पढ़ाए जाते थे।

  2. मध्यकालीन साहित्य

    • भोजपुरी और मैथिली में कविता, गीत और नाटक विकसित हुए।

    • विद्यापति (1352–1448) ने मैथिली साहित्य को उच्चतम स्तर तक पहुँचाया।

    • लोककथा और लोकगीत यहाँ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बने।

  3. आधुनिक साहित्य

    • बिहार के लेखक और कवि हिंदी, भोजपुरी, मैथिली और अंग्रेज़ी में लिखते हैं।

    • प्रेमचंद, रामधारी सिंह दिनकर, नागार्जुन जैसे कवि और लेखक बिहार से जुड़े हैं।

    • सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर आधारित साहित्य ने बिहार की पहचान बनाई।


3. भाषा और राजनीति का संबंध

  • बिहार में भाषा हमेशा सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दा रही है।

  • मिथिला क्षेत्र के लोग मैथिली भाषा को और सम्मान दिलाने के लिए आंदोलन करते रहे हैं।

  • पश्चिमी बिहार में भोजपुरी को प्रमोट करने की मांगें उठती रहती हैं।

  • भाषा-आधारित राजनीति अक्सर चुनाव और सरकारी नीतियों पर असर डालती है।


4. शिक्षा में भाषा का महत्व

  • बिहार में स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी और अंग्रेज़ी पढ़ाई की मुख्य भाषा हैं।

  • स्थानीय भाषाएँ जैसे मैथिली, भोजपुरी और मगही, लोक संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • भाषा सिखने से सामाजिक पहचान और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है।




“बिहार राज्य: भूगोल, संस्कृति, भाषा और राजनीतिक मुद्दों की पूरी जानकारी”

बिहार भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित एक प्रमुख राज्य है। इसक…





बिहार (Part 2): भूगोल और प्राकृतिक स्थिति

बिहार भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित है और यह एक मैदानी और नदी…





Previous Post Next Post