बिहार का धर्म और त्योहार इसकी संस्कृति, इतिहास और सामाजिक जीवन का अहम हिस्सा हैं। यहाँ धर्म केवल आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता, परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।
1. प्रमुख धर्म
-
हिंदू धर्म
-
बिहार में अधिकांश लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं।
-
छठ पूजा हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसमें सूर्य देव और छठ माता की पूजा होती है।
-
कई मंदिर जैसे पाटलिपुत्र, विश्वनाथ मंदिर, देवी मन्दिर यहाँ धार्मिक गतिविधियों का केंद्र हैं।
-
-
बौद्ध धर्म
-
बोधगया में गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति (बोधि वृक्ष के नीचे) की।
-
राजगीर, नालंदा, वैशाली आदि स्थल बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं।
-
बौद्ध धर्म ने बिहार को वैश्विक धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाया है।
-
-
जैन धर्म
-
बिहार में जैन धर्म की भी ऐतिहासिक पहचान है।
-
वैशाली और राजगीर जैसे स्थान जैन तीर्थस्थल हैं।
-
-
इस्लाम और ईसाई धर्म
-
बिहार में इस्लामिक और ईसाई समुदाय भी मौजूद हैं।
-
इनके त्योहार जैसे ईद, क्रिसमस आदि बिहार की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ाते हैं।
-
2. प्रमुख त्योहार
-
छठ पूजा
-
सूर्य देव और छठ माता की पूजा के लिए मनाया जाता है।
-
इसे साफ-सुथरे पानी में खड़े होकर आराधना करने का महत्व है।
-
यह बिहार का सबसे बड़ा और अनूठा त्योहार माना जाता है।
-
-
होली और दिवाली
-
रंगों का त्योहार होली, और दीपों का त्योहार दिवाली भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
-
ग्रामीण और शहरी दोनों जगहों पर लोग इन्हें मिल-जुलकर मनाते हैं।
-
-
समा-चकेवा
-
मिथिला क्षेत्र का विशेष त्योहार।
-
भाई-बहन के प्रेम और सामाजिक मेलजोल का प्रतीक।
-
-
माघ मेला (गया, वाराणसी पास)
-
धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र।
-
तीर्थयात्रियों और साधु-संतों के लिए प्रमुख स्थल।
-
3. धर्म और समाज पर प्रभाव
-
धर्म और त्योहार बिहार में सामाजिक समरसता और संस्कृति को बनाए रखते हैं।
-
गाँवों और शहरों में ये समारोह सामाजिक एकता और मेलजोल का माध्यम बनते हैं।
-
राजनीतिक दृष्टि से भी धर्म और त्योहार चुनावों में वोटिंग पैटर्न और समाजिक समर्थन पर प्रभाव डालते हैं।
बिहार भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित एक प्रमुख राज्य है। इसक…
बिहार की भाषा और साहित्य इसकी संस्कृति और पहचान का सबसे महत्वपू…
बिहार की संस्कृति और लोक कला इसकी इतिहास, परंपरा और जीवन शैली …